बरेली उलेमा बोले- वसीम रिजवी की सदस्यता करे खत्म

बरेली, अमृत विचार। शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी, जो हाल ही में सनातन धर्म अपनाकर जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी बन गए हैं। शिया वक्फ बोर्ड से उनकी सदस्यता खारिज करने के लिए बरेली के उलेमा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। तंजीम उलमा-ए-इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा-जितेंद्र नारायण को …
बरेली, अमृत विचार। शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी, जो हाल ही में सनातन धर्म अपनाकर जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी बन गए हैं। शिया वक्फ बोर्ड से उनकी सदस्यता खारिज करने के लिए बरेली के उलेमा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। तंजीम उलमा-ए-इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा-जितेंद्र नारायण को ये अधिकार हासिल नहीं है कि वे शिया बोर्ड के सदस्य बने रहें।
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को एक मांग पत्र भेजा है जिसमें वक्फ बोर्ड अधिनियम की धारा-1995 का हवाला देते हुए कहा कि इसमें स्पष्ट है कि शिया वक्फ बोर्ड का सदस्य वही हो सकता है, जो इस्लाम धर्म का मानने वाला हो। चूंकि वसीम रिजवी ने इस्लाम त्यागकर सनातन धर्म ग्रहण कर लिया है तो उनकी सदस्यता भी खारिज की जाए। उन्होंने कहा कि सपा सरकार के दौरान अल्पसंख्यक मंत्री आजम खां ने उन्हें शिया वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष बनाया था।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने वक्फ संपत्तियों को बड़े पैमाने पर खूब खुर्द बुर्द किया और नुकसान पहुंचाया। मौलाना ने कहा कि मुसलमान पैगम्बरे इस्लाम से बेपनाह प्यार और मोहब्बत करता है लेकिन वसीम रिजवी ने पैगम्बरे इस्लाम की शान में गुस्ताखाना किताब लिखी है।
उन्होंने कहा कि ये किताब अगर पब्लिक में आएगी तो देश-प्रदेश में शांति व्यवस्था की स्थिति खराब हो सकती है, इसलिए इस किताब पर पाबंदी लगाना उचित होगा।