डर की दस्तक

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कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रोन ने भारत में दस्तक दे दी है। पिछले 24 घंटे में देश में दो मामले दर्ज़ किए गए है। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने गुरुवार को कहा कि जो नई चुनौती है, उसका हम मुकाबला करेंगे और इसके लिए हमारे पास सभी संसाधन उपलब्ध है। प्रधानमंत्री …

कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रोन ने भारत में दस्तक दे दी है। पिछले 24 घंटे में देश में दो मामले दर्ज़ किए गए है। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने गुरुवार को कहा कि जो नई चुनौती है, उसका हम मुकाबला करेंगे और इसके लिए हमारे पास सभी संसाधन उपलब्ध है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नए वैरिएंट को लेकर पहले ही चिंता जता चुके हैं। देश में नए वैरिएंट की खबरें हमें और सतर्क रहने को कहती हैं। ऐसे में हमें अतिरिक्त रुप से अधिक सावधान रहने की जरूरत है।

ओमीक्रोन वेरिएंट को लेकर चिंता के बीच केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि इंटरनेशनल फ्लाइट्स से आने वाले यात्रियों पर कड़ी नजर रखी जाए। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस के मद्देनजर लागू की गईं देशव्यापी पाबंदियों को 31 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दिया है। अब तक 23 देशों में इसके संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है।

उद्योग मंडल फिक्की ने कहा है कि ओमीक्रोन के उभरने के मद्देनजर देश भर में एक समान नीति का पालन किया जाए। राज्य, शहर या नगरपालिका स्तर पर किसी भी लापरवाही का व्यापक प्रभाव होगा। सही बात है नियमों का कड़ाई से पालन कराइये, चूंकि नियम सबके लिए समान होने चाहिए इसके लिए शासकीय संस्कृति और व्यवस्था दुरुस्त होनी चाहिए। जाहिर है सतर्क रहना, संक्रमण दर में वृद्धि की निगरानी के लिए जांच की संख्या में वृद्धि करना और वायरस के इस नए स्वरूप का पता लगाने के लिए जीनोम अनुक्रमण में तेजी लाना आवश्यक है।

पूरी तरह से टीका लगवाना और कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करना अब पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। ध्यान रहे पिछले दो वर्ष के दौरान कोरोना ने देश और दुनिया को सामाजिक और आर्थिक तौर पर प्रभावित किया है। आने वाले समय मे ओमीक्रोन के नए वैरिएंट के कारण दुनिया भर में चिंता है। देश में सतर्कता बरते जाने की बात कही जा रही है, जबकि उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों के शीघ्र ही होने वाले चुनावों में राजनेता चाहेंगे कि उनकी रैलियों में लोगों की भीड़ उमड़े। देश में सत्तारुढ़ भाजपा और विरोधी दलों ने राजनीतिक आयोजनों के माध्यम से शक्ति प्रदर्शन करने की रणनीति बनाई है।

प.बंगाल चुनाव में भी ऐसा ही हुआ था और उसके बाद देश ने कोरोना की दूसरी लहर देखी थी। उत्तर प्रदेश में भी उसी समय पंचायत चुनाव कराए गए थे। फिर से चुनाव सिर पर हैं, ऐसे में लोगों को ही सावधानी बरतनी होगी।