रायबरेली: ग्रामीण नहीं कर पा रहे सामुदायिक शौचालयों का उपयोग, जानें क्यों…

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रायबरेली। गांवों में बनवाए गए सामुदायिक शौचालयों का उपयोग ग्रामीण नहीं कर पा रहे हैं लेकिन कागजों पर सब फिट है। हाल यह है कि कुछ को छोड़ ज्यादातर शौचालयों में बिजली के कनेक्शन ही नहीं हैं। इस कारण पानी न होने से खस्ताहाल हो रहे हैं। गौरतलब है कि शासन से सिर्फ सामुदायिक शौचालयों …

रायबरेली। गांवों में बनवाए गए सामुदायिक शौचालयों का उपयोग ग्रामीण नहीं कर पा रहे हैं लेकिन कागजों पर सब फिट है। हाल यह है कि कुछ को छोड़ ज्यादातर शौचालयों में बिजली के कनेक्शन ही नहीं हैं। इस कारण पानी न होने से खस्ताहाल हो रहे हैं।

गौरतलब है कि शासन से सिर्फ सामुदायिक शौचालयों के निर्माण का बजट ही मिला था। बिजली के कनेक्शन के लिए अलग से कोई धनराशि उपलब्ध नहीं कराई गई। ग्राम पंचायतों को अपने स्तर से कनेक्शन कराना था। ग्राम पंचायत के खाते से ही बिल का भुगतान करना है। शासन और प्रशासन के दबाव में प्रधानों व सचिवों ने शौचालय तो बनवा दिए, लेकिन बिजली का कनेक्शन नहीं लिया गया है। बिजली, पानी का प्रबंध न होने की वजह से शौचालयों का उपयोग नहीं हो पा रहा है। वहीं हकीकत को छिपाकर पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों ने शतप्रतिशत शौचालयों के बनने और उनका इस्तेमाल होने की रिपोर्ट शासन को भेजकर खानापूरी कर ली।

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कई जगह चल रही कटिया

कई ग्राम पंचायतों में बिजली का कनेक्शन लेने की जगह कटिया लगा ली गई है।खीरों ग्राम पंचायत के सामुदायिक शौचालय के लिए बिजली का तार एक मंदिर के कनेक्शन से जोड़ लिया गया है।  डलमऊ के आफताब नगर, चकमलिक भीटी, घुरवारा, ऐहार, लोदीपुर उतरावां, खीरों के पाहो, डुमटहर, गोनामऊ, बेहटासातनपुर, सेमरी, सुर्जीपुर, निहस्था आदि गांवों में भी अभी सामुदायिक शौचालयों में बिजली का कनेक्शन नहीं हुआ है।

विवरण पर एक नजर

988 – ग्राम पंचायतें

1000 – सामुदायिक शौचालय बने

65 – करोड़ रुपये का बजट खर्च

964 – स्वयं सहायता समूहों को हैंडओवर हुए

36 – सामुदायिक शौचालय हैंडओवर होना शेष

डीपीआरओ उमाशंकर मिश्र ने कहा कि शतप्रतिशत सामुदायिक शौचालयों में बिजली के कनेक्शन हैं। अगर, कहीं कनेक्शन नहीं है तो उसकी जांच कराई जाएगी।

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