रायबरेली: स्वच्छता सर्वेक्षण ग्रामीण-2021 में फीडबैक देने के लिए नहीं मिल रहे लोग, जानें क्यों…

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रायबरेली। जिले में 30 लाख से अधिक आबादी वालो गांवों में बसती है। इसके बाद भी स्वच्छता सर्वेक्षण ग्रामीण-2021 में फीडबैक देने वाले नहीं मिल रहे हैं। हाल यह है कि स्वच्छता सर्वेक्षण ग्रामीण-2021 में फीडबैक देने के लिए डेढ़ महीने के अंदर सिर्फ डेढ़ लाख लोगों ने अपनी राय दीं। असल में सर्वेक्षण को …

रायबरेली। जिले में 30 लाख से अधिक आबादी वालो गांवों में बसती है। इसके बाद भी स्वच्छता सर्वेक्षण ग्रामीण-2021 में फीडबैक देने वाले नहीं मिल रहे हैं। हाल यह है कि स्वच्छता सर्वेक्षण ग्रामीण-2021 में फीडबैक देने के लिए डेढ़ महीने के अंदर सिर्फ डेढ़ लाख लोगों ने अपनी राय दीं। असल में सर्वेक्षण को लेकर गांवों में जागरूकता का अभाव है। इस कारण रायबरेली इस अभियान में प्रदेश में पांचवे स्थान पर है।

केंद्र सरकार द्वारा चलाए गए इस अभियान का मुख्य उद्देश्य गांवों में साफ-सफाई की हकीकत की पड़ताल करना है। पूरा सर्वे इंटरनेट मीडिया के माध्यम से हो रहा है।

इस तरह होता सर्वेक्षण

सबसे पहले स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण-2021 एप को मोबाइल पर डाउनलोड करना पड़ता है। इसके बाद एप के माध्यम से ही गांव में साफ-सफाई, ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन, सैनिटाइजेशन, प्लास्टिक निस्तारण की व्यवस्था समेत पांच सवाल पूछे जाते हैं। इनके उत्तर सिर्फ हां या न में देने होते हैं।

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फीडबैक से मिलती हकीकत

फीडबैक से गांवों की हकीकत का अंदाजा लग जाता है। जिले में 989 ग्राम पंचायतें हैं। लगभग सभी जगह स्वच्छता दम तोड़ रही है। कचरा प्रबंधन तो दूर, गांवों में झाड़ू तक नहीं लगती, जबकि 1595 सफाईकर्मी पंचायतीराज विभाग तैनात हैं। सफाई की इस अव्यवस्था से ग्रामीणों में नाराजगी है। शायद यह भी एक वजह है कि इस सर्वेक्षण का अधिक प्रचार-प्रसार नहीं किया गया।

उप निदेशक ने भेजा है नोटिस

सर्वेक्षण में सिटिजन फीडबैक का आंकड़ा तो एक नवंबर को एक लाख के पार पहुंच गया। 23 अक्टूबर तक सिर्फ 8697 लोगों ने ही फीडबैक दिया था। इस खराब स्थिति पर लखनऊ मंडल के उपनिदेशक (पंचायत) गिरीश चंद्र ने कड़ी नाराजगी जताई थी। यही नहीं, डीपीआरओ के साथ ही सभी एडीओ (पंचायत), जिला समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन और खंड प्रेरकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसके बाद अधिकारियों व कर्मचारियों ने तेजी दिखाई।

डीपीआरओ उमाशंकर मिश्र ने कहा कि आबादी के लिहाज से देखा जाए तो फीडबैक कम मिला है, लेकिन सूबे के अन्य जिलों की अपेक्षा यहां सर्वेक्षण की स्थिति काफी अच्छी है। रायबरेली प्रदेश में पांचवें स्थान पर हैं। दूसरे विभागों का भी सहयोग मिल जाए तो प्रगति और भी बेहतर होगी।

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