नगर निगम के अस्थायी शेल्टर होम में सुविधाओं का अभाव, नि:शुल्क भोजन का दावा झूठा
लखनऊ। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भी ठंड से लोगों को राहत देने के लिए नगर निगम महज खानापूर्ति कर रहा है। राजधानी में बनाए गए अस्थायी शेल्टर होम में सुविधाओं का अभाव है। दैनिक मजदूर, रिक्शा चालक और बेसहारा लोगों को केवल चारपाई मिल गयी है लेकिन पेयजल, टॉयलेट, हीटर और गर्म पानी से …
लखनऊ। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भी ठंड से लोगों को राहत देने के लिए नगर निगम महज खानापूर्ति कर रहा है। राजधानी में बनाए गए अस्थायी शेल्टर होम में सुविधाओं का अभाव है। दैनिक मजदूर, रिक्शा चालक और बेसहारा लोगों को केवल चारपाई मिल गयी है लेकिन पेयजल, टॉयलेट, हीटर और गर्म पानी से लेकर एक टाइम नि:शुल्क भोजन तक नहीं मिल रहा है। अभी दो दिन पहले ही नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने शेल्टर होम का निरीक्षण कर अधिकारियों के पेच कसे थे। इसके बावजूद गरीब और बेसहारा लोगों को ठंड से राहत देने में अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं।
नगर निगम ने राजधानी में 18 स्थायी और आठ अस्थायी शेल्टर होम बनाए गए हैं। इनमें हीटर, गर्म पानी की व्यवस्था के साथ रात में नि:शुल्क भोजन की व्यवस्था का भी नगर निगम दावा कर रहा है। बहुखंडी के पीछे बनाया गया अस्थायी शेल्टर होम नगर निगम के इस दावे की पोल खोल रहा है। यहां खुले में बनाये गए शेल्टर होम में 30 से 40 मजदूर शनिवार से रह रहे हैं लेकिन उन्हें पेयजल और ना ही टायलेट की सुविधा मिल रही है। रजाई भी इतनी हल्की है कि लोग रात में ठंड से ठिठुर रहे हैं। मौके पर यहां रूके मजदूर बाहर ही खुद ही खाना बनाते मिले। नगर निगम कागजों पर ही राजधानी के कुल 26 शेल्टर होम में रूके लोगों को रात में एक टाइम का नि:शुल्क भोजन वितरित कर रहा है।
स्थायी शेल्टर होम में नहीं पहुंच रहे बेघर और बेसहारा
नगर निगम के 18 स्थायी शेल्टर होम में बेघर और बेसहारा लोग नहीं पहुंच रहे हैं। राजधानी के जोन आठ स्थित तेलीबाग में नगर निगम का स्थायी शेल्टर होम है। शनि मंदिर चौराहे पर लेबर अड्डा है साथ ही रिक्शा चालकों का भी जमावड़ा लगता है। हैरत की बात यह है कि रविवार की शाम तक यहां एक भी आदमी ठहरने नहीं आया।
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