दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र से भाजपा का एक विधायक निलंबित, दो को निकाला गया बाहर

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा ने शुक्रवार को इसके एक दिवसीय विशेष सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही बाधित करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक जितेंद्र महाजन को निलंबित कर दिया और दो अन्य भाजपा विधायकों- अनिल बाजपेयी और मोहन सिंह बिष्ट को सदन से बाहर कर दिया। भाजपा के अन्य विधायकों ने …

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा ने शुक्रवार को इसके एक दिवसीय विशेष सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही बाधित करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक जितेंद्र महाजन को निलंबित कर दिया और दो अन्य भाजपा विधायकों- अनिल बाजपेयी और मोहन सिंह बिष्ट को सदन से बाहर कर दिया।

भाजपा के अन्य विधायकों ने निलंबित एवं बाहर निकाले गए सहयोगियों के समर्थन में कार्यवाही का बहिष्कार करने के लिए सदन से बहिर्गमन किया। जैसे ही विशेष सत्र की कार्यवाही शुरू हुई, भाजपा विधायकों ने नई शराब नीति, शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण और ईंधन पर उच्च मूल्य वर्धित कर (वैट)जैसे विभिन्न मुद्दों पर सुनवाई की मांग की।

विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने इन मुद्दों पर किसी भी चर्चा से इनकार करते हुए कहा कि एक दिवसीय सत्र एक विशेष उद्देश्य के लिए बुलाया गया है और केवल एजेंडे में सूचीबद्ध विषयों पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी अन्य चर्चा की अनुमति नहीं दी जाएगी।” यह सुनते ही भाजपा विधायक सरकार विरोधी नारे लगाने लगे। गोयल ने महाजन, बिष्ट और बाजपेयी से अपील की कि वे बैठ जाएं और सदन को चलने दें।

उन्होंने अन्य भाजपा विधायकों को भी चेतावनी दी कि वे शांत हो जाएं अन्यथा उनके निर्देशों की अवहेलना करने के लिए बाहर निकाले जाने के लिए तैयार रहें, लेकिन भाजपा विधायक नहीं माने। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने मार्शलों को बिष्ट और बाजपेयी को सदन से बाहर ले जाने के लिए कहा। वहीं, परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने सदन के पूरे सत्र से रोहताश नगर से विधायक महाजन को निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया, जिसे बाद में पारित कर दिया गया।

विपक्षी भाजपा ने सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी पर दिल्ली में वायु प्रदूषण, शराब नीति और स्थानीय किसानों की स्थिति से संबंधित मुद्दों पर चर्चा से दूर भागने का आरोप लगाया। दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार दिल्ली की जनता से जुड़े मुद्दों का सामना करने से डर रही है।

अपने विशेष सत्र में, दिल्ली विधानसभा के तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने, विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए 700 से अधिक किसानों के परिवारों को मुआवजा और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी के लिए एक प्रस्ताव पारित करने की संभावना है।

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