यात्रियों को महंगा पड़ रहा है पैसेंजर ट्रेनों का सफर, रेलवे बोर्ड को लिखा पत्र
लखनऊ। रेलवे बोर्ड का आदेश दैनिक यात्रियों की जेब पर भारी पड़ रहा है। कोरोना काल के बाद शुरू हुई पैसेंजर ट्रेनों में उन्हें सफर के लिए अधिक किराया चुकाना पड़ रहा है। कोरोना काल से पूर्व पैसेंजर ट्रेन का किराया जहां 20 रुपये प्रति यात्री था, वहीं अब 25 रुपए किराया बढ़ा कर वसूला …
लखनऊ। रेलवे बोर्ड का आदेश दैनिक यात्रियों की जेब पर भारी पड़ रहा है। कोरोना काल के बाद शुरू हुई पैसेंजर ट्रेनों में उन्हें सफर के लिए अधिक किराया चुकाना पड़ रहा है। कोरोना काल से पूर्व पैसेंजर ट्रेन का किराया जहां 20 रुपये प्रति यात्री था, वहीं अब 25 रुपए किराया बढ़ा कर वसूला जा रहा है। ऐसे में प्रति यात्री किराया 45 रुपये हो गया है। यही हाल रहा तो यात्री पैसेंजर के नाम पर चल रही ट्रेनों से दूरी बना लेंगे।
रेलवे प्रशासन ने यात्रियों की सुविधा के लिए अब लखनऊ से कानपुर, फैजाबाद, प्रयाग व बाराबंकी के बीच पैसेंजर ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया है, लेकिन इन पैसेंजर ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों को एक्सप्रेस ट्रेन के बराबर किराया चुकाना पड़ रहा है। रेलवे के अधिकारियों के अनुसार रेलवे बोर्ड की ओर से जारी किराया ज्यादा नहीं है। फिलहाल इस किराए के मामले में दैनिक यात्री एसोसिएशन आगे आया और किराया कम किए जाने को लेकर रेलवे बोर्ड को पत्र भी भेजा है।
रेलवे से जुड़े अधिकारियों के अनुसार रेलवे बोर्ड सस्ते किराए वाली ट्रेनों को बंद कराने की तैयारी कर रहा है। इसका कारण है कि छोटी दूरी की ट्रेनों में खर्च लंबी दूरी की ट्रेनों के बराबर ही होता है। इसमें रेलवे का फायदा बहुत कम होता है। ऐसे में अब छोटी दूरी की ट्रेनों का संचालन कुछ रूटों पर ही किया जाएगा। अन्य रूटों पर पैसेंजर ट्रेनों का संचालन बंद होगा।
पैसेंजर ट्रेन में लखनऊ से कानपुर का किराया पहले 20 रुपए तो अब 45 रुपए वसूले जा रहे हैं। इसी तरह से फैजाबाद का किराया 30 रुपए की जगह 60 रुपए, बाराबंकी का 10 से 30 और उन्नाव को 15 से 35 रुपए किराया लिया जाएगा।
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