हल्द्वानी: दुबई में दुबका है उत्तराखंड का सबसे बड़ा बुकी, आईपीएल में लगवाता है सट्टा

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सर्वेश तिवारी, अमृत विचार। उत्तराखंड का सबसे बड़ा बुकी आशीष त्रिपाठी उर्फ ओसो पुलिस के निशाने पर है। गिरफ्तारी से घबराया ओसो देश छोड़कर भाग चुका है। माना जा रहा है कि वो कहीं दुबई में दुबका है। आईपीएल टी-20 के सट्टे के कारोबार में ओसो के पूरे गैंग का पर्दाफाश हो चुका है। ये …

सर्वेश तिवारी, अमृत विचार। उत्तराखंड का सबसे बड़ा बुकी आशीष त्रिपाठी उर्फ ओसो पुलिस के निशाने पर है। गिरफ्तारी से घबराया ओसो देश छोड़कर भाग चुका है। माना जा रहा है कि वो कहीं दुबई में दुबका है।

आईपीएल टी-20 के सट्टे के कारोबार में ओसो के पूरे गैंग का पर्दाफाश हो चुका है। ये वही बुकी है जिसकी बुक में दांव लगाने के लिए कम से कम 20 लाख रुपए होने चाहिए। शनिवार को ओसो का दाहिना हाथ माने जाने वाला गुर्गा पुलिस के हाथ आते-आते रह गया।

सितारंगज, ऊधमसिंह नगर का रहने वाला आशीष त्रिपाठी उर्फ ओसो लंबे समय से नजर नहीं आया है। वो किसी गुप्त जगह से सट्टे का कारोबार चला रहा है। उसके गुर्गे पूरे उत्तराखंड में फैले हैं। आशीष को ओसो नाम भी सटोरियों से मिला है। छोटे-मोटे जुएं से सट्टे की दुनिया में कदम रखने वाले ओसो ने बेहद कम समय में अपना नेटवर्क पूरे राज्य में फैलाया। उसने इतनी दौलत कमाई कि वह विदेशों में भी इनवेस्टमेंट करने लगा। ओसो के खिलाफ उसी के गृह थाना सितारगंज में रिपोर्ट दर्ज हैं। डीआईजी निलेश आनंद भरणे ने खुद जांच की कमान संभाल रखी है। पुलिस के साथ एसओजी और एसटीएफ को ओसो और उसके दाहिने हाथ माने जाने वाले गुर्गे कमालुद्दीन के पीछे लगाया गया है।

कमालुद्दीन जगतपुरा आवास-विकास ट्रांजिट कैंप रुद्रपुर का रहने वाला है। बीते शनिवार को पुलिस और एसओजी की खबर मिली कि कमालुद्दीन ने ट्रांजिट कैंप थाना इलाके में बुक सजाई है और आईपीएल के फाइनल मैच पर लाखों का सट्टा लगाया जा रहा है। एसओजी और पुलिस ने यहां दबिश मारी, लेकिन शातिर कमालुद्दीन एक बिना नंबर की स्कूटी से भाग निकला। हालांकि पुलिस को मौके से हजारों की नगदी, एलसीडी के साथ तमाम सुबूत मौके से बरामद हुए। बहरहाल, पुलिस की इस रेड के बाद ओसो के गैंग में खलबली मच गई है और बताया जा रहा है कि ओसो उत्तराखंड की सीमा से बाहर निकल चुका है।

दुबई और नेपाल है छिपने की सबसे माकूल जगह
अगर ओसो उत्तराखंड की सीमा पार कर चुका है तो उसके लिए छिपने की सबसे माकूल जगह नेपाल और दुबई है। उत्तराखंड से नेपाल जाना बेहद आसान है और इसकी वजह नेपाल और उत्तराखंड की सीमा का मिला होना है। नेपाल और भारत के बीच स्थानीय व्यापार होने की वजह से रोजाना बड़ी संख्या में लोगों का आना-जाना होता है। भारत में स्मैक और हेरोइन जैसे ड्रग्स की तस्करी के लिए भी इस रास्ते का ही इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा दुबई में ओसो को संरक्षण देने वाले इस धंधे से जुड़े कई लोग हैं।

नेपाल में ओसो का अपना कैसीनो
पुलिसिया पड़ताल में पता चला है कि सट्टे की कमाई का एक बड़ा हिस्सा ओसो ने नेपाल में इनवेस्ट किया है। नेपाल में ओसो का एक कैसीनो है। बताया ये भी जाता है कि इस कैसीनो को ओसो अकेला नहीं चलाता बल्कि कमालुद्दीन भी पार्टनर है। कमालुद्दीन ही इसे संभालता है और लेनदेन की सारा विवरण उसी के पास रहता है।

हल्द्वानी में पन्ना भाई और सुशील संभालते हैं धंधा
डीआईजी निलेश आनंद भरणे ने इस धंधे से जुड़े ओसो के पूरे गैंग को बेनकाब कर दिया है। उन्होंने इसकी पूरी सूची जारी है। बताते हैं कि हल्द्वानी में गुरुनानकपुर भोटियापड़ाव निवासी संजय कुमार उर्फ पन्ना भाई यहां ओसो का धंधा संभालता है। पन्ना भाई के साथ रामपुर रोड पर रहने वाला सुशील कुमार सट्टे के इस धंधे का संचालक है। ये दोनों फिलहाल फरार हैं और पुलिस व एसओजी इनकी तलाश में लगातार दबिश दे रही है।

ये हैं ओसो के सबसे करीबी गुर्गे
1- राकेश शर्मा उर्फ पंडित
2- इमरान उर्फ मुर्गा निवासी ट्रांजिट कैंप
3- उमेश गुप्ता निवासी गदरपुर
4- भवानी सिंह निवासी लोहियाहेट झनकइया
5- गिरधर सिंह बिष्ट उर्फ बादशाह निवासी सितारगंज
6- परवेज खान निवासी बैलजूड़ी कुंडा

कंगाल होगा करोड़ों के मालिक कमालुद्दीन
हल्द्वानी। सट्टे के कारोबार से कमालुद्दीन ने करोड़ों की संपत्ति जुटाई है। फरार कमालुद्दीन का जगतपुरा, ट्रांजिट कैंप और आवास विकास में एक-एक मकान है। जबकि मैट्रोपॉलिस व ओमैक्स सिटी में एक-एक फ्लैट सट्टे की रकम से खरीदा है। केनरा बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा में करीब 80 लाख रुपए जमा हैं। एक क्रेटा कार, दो स्कूटी व एक एंबुलेंस सट्टे के पैसों से खरीदी गई है। अब पुलिस इन सारी संपत्तियों को कुर्क करने की तैयारी कर रही है।

आशीष त्रिपाठी उर्फ ओसो की तलाश जारी है। ऐसा पता लगा है कि ओसो नेपाल और दुबई भाग सकता है। हम लगातार उसकी लोकेशन ट्रेस कर रहे हैं। फरार कमालुद्दीन की भी तलाश की जा रही है। ओसो के गैंग में शामिल लगभग सभी लोगों की पहचान की जा चुकी है। फिलहाल सभी फरार हैं। जल्द ही ओसो के साथ पूरे गैंग को सलाखों के पीछे पहुंचाया जाएगा।-निलेश आनंद भरणे, डीआईजी

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