अयोध्या: आईसीडब्ल्यूएफ ने गुलाब बाड़ी से निकाली धरोहर यात्रा
अयोध्या। कभी नवाबों की राजधानी रही फैजाबाद की ऐतिहासिक विरासत को करीब से जानने और महसूस करने के लिए इंडिया सिटी वॉक फेस्टिवल (आईसीडब्ल्यूएफ) ने सोमवार को हेरिटेज वॉक निकाली। संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन और भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय से समर्थित आईसीडब्ल्यूएफ की इस धरोहर यात्रा में भावी पीढ़ी शामिल हुई। विभिन्न विद्यालयों के बच्चों ने इस वाक …
अयोध्या। कभी नवाबों की राजधानी रही फैजाबाद की ऐतिहासिक विरासत को करीब से जानने और महसूस करने के लिए इंडिया सिटी वॉक फेस्टिवल (आईसीडब्ल्यूएफ) ने सोमवार को हेरिटेज वॉक निकाली। संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन और भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय से समर्थित आईसीडब्ल्यूएफ की इस धरोहर यात्रा में भावी पीढ़ी शामिल हुई। विभिन्न विद्यालयों के बच्चों ने इस वाक में शामिल होकर न सिर्फ फैजाबाद के गौरवशाली अतीत को समझा, बल्कि कुछ समय उसके साथ जीने का प्रयास भी किया।
यात्रा की संयोजक डॉ. दिव्या शुक्ला की अगुवाई में गुलाबबाड़ी से निकली धरोहर यात्रा में शामिल बच्चों ने चौक की एक किलोमीटर की परिधि में आने वाले अनेक ऐतिहासिक संस्थानों, पुस्तकालय व स्मारकों की यात्रा कर उसकी प्राचीनता और महत्व को करीब से जाना और समझा। डॉ. शुक्ला ने कहा कि कभी अवध क्षेत्र की राजधानी रहा फैजाबाद शहर धार्मिक, शैक्षिक व वास्तुकला की दृष्टि से समृद्ध है।
गुलाब बाड़ी से शुरू हुई यात्रा त्रिपोलिया गेट (तिनदरा), अनीस व चकबस्त पुस्तकालय, चौक घंटाघर, मस्जिद हसन रजा खां, मस्जिद मेहंदी हसन, खजूर मस्जिद, मोती महल, वसीका मस्जिद, अरेबिक कॉलेज, इमामबाड़ा जवाहर अली खां एवं बेगम अख्तर कोठी से होते हुए पुनः गुलाबबाड़ी पहुंच कर समाप्त हुई।
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यात्रा के वक्ता की भूमिका छात्र दानिश वसी खान ने निभाई। दानिस ने बड़े ही गहराई से हर उस पहलू को बया किया, जो फैजाबाद की ऐतिहासिकता से जुड़ा रहा। तोषिनि सिंह ने धरोहरों की फोटोग्राफी की। अनीस व चकबस्त पुस्तकालय के मैनेजर सैय्यद परवेज आब्दी ने बच्चों को बताया कि आज भी एक हजार से अधिक पुस्तकें हैं। यह पुस्तकालय क्षेत्रवासियों में शिक्षा की अलख जगा रहा है।
वहीं बेगम अख्तर गजल, ठुमरी और दादरा गायन में हिन्दुस्तान की सबसे बुलंद आवाज मानी जाती रहीं। उन्होंने अख्तरी बाई फैजाबादी के नाम से कई फिल्मों में अभिनय किया। यात्रा के समापन पर गुलाबबाड़ी मैदान में बच्चों ने कुछ समय नवाबों के खेल शतरंज को खेला। मयंक त्रिपाठी, अनिल सरस्वती के छात्र वतन शुक्ला, साक्षीरुथ कांत ने सहयोगी की भूमिका निभाई। यात्रा में कई विद्यालयों के छात्र और छात्राएं शामिल रहे।
