लखीमपुर खीरी: डेंगू से बिगड़ते जा रहे हालात, तीन मरीज और भर्ती
लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। स्वास्थ्य विभाग की लचर कारर्वाई के चलते जिले में डेंगू बेकाबू हो गया है। रोकने के प्रयासों के नाम पर स्वास्थ्य विभाग कागजी घोड़े दौड़ाने में लगा है। कहने को स्वास्थ्य टीमों से लेकर निगरानी समितियां बनाई गई हैं लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। शहर से लेकर …
लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। स्वास्थ्य विभाग की लचर कारर्वाई के चलते जिले में डेंगू बेकाबू हो गया है। रोकने के प्रयासों के नाम पर स्वास्थ्य विभाग कागजी घोड़े दौड़ाने में लगा है। कहने को स्वास्थ्य टीमों से लेकर निगरानी समितियां बनाई गई हैं लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। शहर से लेकर गांवों तक में डेंगू का खौफ है। शनिवार को भी जिला अस्पताल में डेंगू से पीड़ित तीन और मरीज भर्ती कराए गए है। इसके बाद जिले में डेंगू पीड़ितों की संख्या बढ़कर 57 तक पहुंच गई है।
वहीं करीब तीन लोगों की डेंगू से मौत भी हो चुकी है। इस तरह बढ़ रही डेंगू के मरीजों की संख्या लोगों में दहशत पैदा कर रही है। जिले में डेगूं के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। हालांकि मौसम बदलने के साथ इसका प्रकोप कम होना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। अक्टूबर का महीना शुरू होते ही डेंगू के मरीजों के बढ़ने का सिलसिला शुरू हो गया जो अभी तक नहीं थम रहा है। शनिवार को डेंगू से पीड़ित तीन और लोग जिला अस्पताल के डेंगू वाडर् में भतीर् कराए गए है।
भतीर् होने वालों में शहर के मोहल्ला अजुर्नपुरवा निवासी अजय कुमार की पुत्री शिवांगी, शाहपुरा कोठी निवासी निशीथ श्रीवास्तव की का 32 वषर् का पुत्र अनुहार और मोहल्ला प्यारेपुर निवासी खालिद की 40 वषीर्य पत्नी शहीन को कई दिन से तेज बुखार था। जांच कराने पर इन लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई। ग्रामीण क्षेत्रों में हालात और भी बदतर हैं। सिकंद्राबाद में भी कई लोग डेंगू की चपेट में हैं यहां के लोगों का आरोप है कि यहां कई लोगों की डेंगू से मौत हो चुकी है लेकिन सूचना के बाद भी स्वास्थ्य विभाग को लोग नहीं आते हैं।
शहर में अजुर्नपुरवा के हालात गंभीर
शहर में डेंगू का सबसे ज्यादा प्रकोप मोहल्ला अजुर्नपुरवा में हैं। यहां न तो नगर पालिका ने सफाई आदि के कायर्क्रम किए और नहीं स्वास्थ्य विभाग ने एंटी लारवा आदि का छिड़काव कराया। हालत यह है कि इस अकेले मोहल्ले में अभी तक तीन लोग डेंगू की चपेट में आ गए हैं। इस मोहल्ले के नितीश कुमार, अचर्ना देवी, और शिवांगी को जिला अस्पताल में भतीर् कराया जा चुका है। इसके अलावा मोहल्ले में कई अन्य लोग डेंगू तथा वायरल की चपेट में हैं। इस मोहल्ले में शुरू से ही डेंगू के मरीज आ रहे हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने कोई प्रयास नहीं किए। अभी तक यहां से डेंगू के मरीजों के आने का सिलसिला कम नहीं हुआ है।
निगरानी समितियां भी हो रही विफल
स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू को पनपने से रोकने के लिए सभी सीएचसी और पीएचसी केंद्रों पर निगरानी समितियों का गठन किया है साथ ही कंट्रोलरूम की स्थापना की है लेकिन यह सब कागजों तक ही सिमट कर रह गया है। जमीनी हालातों में किसी तरह का सुधार देखने को नहीं मिल रहा है। ऐसे में तमाम लोग बुखार आदि से पीड़ित है। तमाम लोग झोलाछापों से इलाज कराने को विवश है।
टीमों को मौके पर जाने के दिए गए हैं निर्देश
जहां भी डेंगू या वायरल बुखार आदि की जानकारी मिलती हैं वहां तत्काल टीमें भेजी जाती हैं। अजुर्नपुरवा में भी टीमें गई हैं छिड़काव कराया गया है। लोगों को भी जागरूक होने की आवश्यकता है। अपने आसपास जलभराव न होने दें। यह बीमारी मच्छर से फैलती है। जहां भी मच्छर हों वहां पर डीजल या मिट्टी का तेल डाल दें। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग को भी सूचना दें। टीमों कों निदेर्श दिए गए हैं कि वे जाएं और मरीजों को तत्काल उपचार उपलब्ध कराएं। —शैलेंद्र भटनागर, सीएमओ
