बरेली : बैंक नहीं निभा रहे जिम्मेदारी तो कैसे दूर होगी बेरोजगारी
बरेली, अमृत विचार। प्रदेश और केंद्र सरकार अधिक से अधिक रोजगार देने का प्रयास कर रही हैं। लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने को योजनाओं के जरिए धन की व्यवस्था भी की जा रही है लेकिन दोनों सरकारों के अरमानों पर जिले के बैंक पानी फेर रहे हैं। आलम यह है कि वित्तीय वर्ष 2021 में …
बरेली, अमृत विचार। प्रदेश और केंद्र सरकार अधिक से अधिक रोजगार देने का प्रयास कर रही हैं। लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने को योजनाओं के जरिए धन की व्यवस्था भी की जा रही है लेकिन दोनों सरकारों के अरमानों पर जिले के बैंक पानी फेर रहे हैं। आलम यह है कि वित्तीय वर्ष 2021 में बैंकों को भेजे 1287 प्रोजेक्ट में 16 अक्टूबर तक केवल 92 प्रोजेक्ट ही पास हुए। बैंकों ने 273 प्रोजेक्ट खारिज कर दिए। 897 अधर में लटके हुए हैं। पिछले साल के 18 प्रोजेक्ट को भी मिला लें तो यह संख्या बढ़कर 932 पहुंच रही है।
बता दें कि प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी), मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना (एमवाईएसवाई) और प्रधानमंत्री सृजन रोजगार योजना (पीएमईजीपी) योजना लागू की है। इन योजनाओं को धरातल तक न पहुंचने में बेंकों की सबसे बड़ी नकारात्म भूमिका है। बैंकों की सुस्ती की वजह से जिले में बेरोजगारों को रोजगार मिल सकें इसके लिए लागू एक जिला एक उत्पाद योजना (ओडीओपी) के अंतर्गत कुल 581 प्रोजेक्ट वित्तीय सहयोग के लिए बैंकों को भेजे गए।
लेकिन इनमें 16 प्रोजेक्ट ही बैंकों ने 16 अक्टूबर तक स्वीकृत किए। 78 प्रोजेक्टों में खामियां गिनाकर रिजेक्ट कर दिया। 443 प्रोजेक्ट अधर में लटके हैं। यहीं हाल एमवाईएसवाई योजना का है। 359 फाइलों में से बैंक ने मात्र 34 फाइल स्वीकृत कीं। पीएमईजीपी योजना का हाल भी कुछ इसी तरह मिला। 347 प्रोजेक्ट लोन के लिए भेजे गए, लोन सिर्फ 17 का ही स्वीकृत हुआ। जबकि 114 प्रोजेक्ट रिजेक्ट कर दिए गए।
नोडल अधिकारी भी जता चुके हैं नाराजगी
प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान में अड़ंगा लगाने का खुलासा नोडल अधिकारी नवनीत सहगल की पूर्व में हुई बैठक में हो चुका है। इस दौरान बैंक अधिकारी वजह पूछने पर कोई न कोई बहाना बनाने लगे थे। नोडल अधिकारी ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि कोई बहाना नहीं चलेगा। उन्होंने एलडीएम समेत अन्य बैंक अफसरों को स्वीकृत लोन वाली फाइलें 15 अक्टूबर तक हर निस्तारित करने के निर्देश दिए थे लेकिन स्थिति जस की तस है।
योजनाओं से संबंधित पत्रावली को जांच के बाद बैंक भेज दिया जाता है। लेकिन अधिकांश बैंक लोन की फाइल स्वीकृत नहीं करते। पूर्व में कमिश्नर समेत अन्य बैठकों में इस बात को प्रमुखता से रखा जा चुका है। अब नोडल अधिकारी ने सख्ती दिखाई है, उम्मीद है लाभार्थियों को लोन मिल जाएगा। आरआर गोयल, उपायुक्त जिला उद्योग केंद्र
नोडल अधिकारी नवनीत सहगल के निर्देश पर शासन द्वारा संचालित ओडीओपी समेत तीन प्रमुख योजनाओं से संबंधित बैंकों में लंबित लोन संबंधी फाइलें निर्धारित समय में निस्तारित करने के निर्देश दिए हैं। बैंक अधिकारियों से इस संबंध में पत्राचार भी किया जा रहा है, ताकि निर्धारित समय में फाइल निस्तारित की जा सकें। एमएम प्रसाद, एलडीएम
इन बैंकों में हैं सबसे ज्यादा फाइलें लंबित
मुख्य बैंक आवेदन लंबित
बैंक ऑफ बड़ौदा 392 306
पंजाब नेशनल बैंक 255 169
भारतीय स्टेट बैंक 269 40
