बरेली: दीये के ऑर्डर मिले तो कुम्हारों की चाक ने पकड़ी रफ्तार
बरेली, अमृत विचार। बीते साल की तरह इस बार भी लाकडाउन में सहालग पड़ी थीं। ऐसे में पहले से तंगहाली में जीवन बिता रहे कुम्हारों की आय पर भी ग्रहण लग गया था। दिवाली पर उन्हें संजीवनी मिलने की उम्मीद नजर आ रही है। कुम्हारों के मुताबिक दिवाली के लिए उन्हें दीये के ऑर्डर मिल …
बरेली, अमृत विचार। बीते साल की तरह इस बार भी लाकडाउन में सहालग पड़ी थीं। ऐसे में पहले से तंगहाली में जीवन बिता रहे कुम्हारों की आय पर भी ग्रहण लग गया था। दिवाली पर उन्हें संजीवनी मिलने की उम्मीद नजर आ रही है। कुम्हारों के मुताबिक दिवाली के लिए उन्हें दीये के ऑर्डर मिल गए हैं। इसके लिए देहात से लेकर शहर तक कुम्हार दिन, रात दीये बनाने में जुटे हैं ताकि समय पर दीयों की आपूर्ति की जा सके।
पिछले साल ही चीन निर्मित उत्पादों के बहिष्कार के बाद से लोगों का जोर दीपों के त्योहार पर मिट्टी के बने दीयों से अंधियारा दूर करने को लेकर दिख रहा है। पीलीभीत रोड, बांसमंडी, शहामतगंज में मिट्टी दीये तैयार करने वालों की मानें तो इस बार दशहरा से पहले दिवाली को लेकर बड़ी संख्या में दीये बनाने के आर्डर मिल गये। अब भी व्यापारियों की दीये बनवाने के लिए अच्छी डिमांड आ रही है।
युवा पीढ़ी मिट्टी की कलाकारी से हो रहा दूर
कुम्हारों का कहना है कि वर्तमान समय में प्लास्टिक आदि के तरह-तरह के बर्तन आ गए हैं। इससे मिट्टी के बर्तनों की मांग कम है। काफी मेहनत के बावजूद मुनाफा भी कम मिलता है। यही वजह है कि युवा पीढ़ी अब यह काम नहीं करना चाहती। बावजूद चाक पर बने मिट्टी के छोटे दीये की कीमत 2 रुपये या एक पीस या किसी-किसी ने 2 रुपये में दो पीस रखी है। चारमुखी और पंचमुखी दीये की कीमत 10 रुपये प्रति पीस तो उससे छोटे दीये की कीमत 5 रुपये प्रति पीस है।
इनकी सुनें…
दशहरा से पहले ही दीयों के ऑर्डर मिल गए थे। विभिन्न आकृति में बनाए गए आकर्षक दीपक लोगों को लुभाने का काम करेंगे। मिट्टी से बने सामानों की रंगरोगन सहित अन्य तरह के सजावट में जुटे हैं। -रामप्रसाद, कुम्हार, पीलीभीत रोड
दिवाली पर अच्छी बिक्री की उम्मीद है। मिट्टी के दीये बनाने के लिए परिवार के सभी सदस्य हाथ बंटा रहे हैं। कोई मिट्टी गूंथने में लगा है तो किसी के हाथ चाक पर मिट्टी के बर्तनों को आकार दे रहे हैं। -शिवम प्रजापति, कुम्हार, संजय नगर
इस बार उम्मीद है कि कुछ ज्यादा दीये की बिक्री होगी। पिछले साल करीब तीस हजार दीपक व मिट्टी के अन्य सामग्री बेची थी। इस बार उम्मीद है कि पचास हजार से साठ हजार तक दीये की बिक्री होगी। -अभिषेक, कुम्हार डोहरा मोड़
दिवाली को लेकर दीये की डिमांड बढ़ी है। इसलिए दिन रात मेहनत करनी पड़ रही है। हर बार हमें दीये बेचने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती थी लेकिन इस बार कारोबार बेहतर होने की उम्मीद है। -पवन, कुम्हार श्यामगंज
