बरेली: महिला अभियंता को 25 करोड़ के आवंटित कर दिए कार्य
बरेली, अमृत विचार। नगर निगम के निर्माण विभाग में भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में फंसने के बाद चीफ इंजीनियर भूपेश कुमार सिंह को लेकर एक और गड़बड़ी सामने आई है। उन पर गंभीर आरोप है कि विभाग की एक महिला अभियंता पर विशेष कृपा करते हुए उन्होंने करोड़ों रुपये के 15वें वित्त के करीब 70 …
बरेली, अमृत विचार। नगर निगम के निर्माण विभाग में भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में फंसने के बाद चीफ इंजीनियर भूपेश कुमार सिंह को लेकर एक और गड़बड़ी सामने आई है। उन पर गंभीर आरोप है कि विभाग की एक महिला अभियंता पर विशेष कृपा करते हुए उन्होंने करोड़ों रुपये के 15वें वित्त के करीब 70 फीसदी कार्य आवंटित कर दिए। जबकि उनसे कई दूसरे वरिष्ठ अभियंता विभाग में मौजूद हैं। सीबीगंज के एक शिकायतकर्ता ने इस संबंध मेयर सहित कई जगहों पर चिट्ठी भेजी है।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि नगर निगम ने 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत करीब 35 करोड़ रुपये के टेंडर किए थे। इसमें मुख्य अभियंता ने करीब 70 फीसदी के लगभग 25 करोड़ रुपये के काम एक महिला अभियंता को आवंटित कर दिए। आरोप यह भी है कि मुख्य अभियंता ने कई शहरों में अकूत संपत्ति भी बना ली है, जिसकी निष्पक्ष जांच हो तो स्थिति खुद ब खुद साफ हो जाएगी। शिकायत में मुख्य अभियंता को तत्काल हटाए जाने की मांग को पुरजोर तरीके से उठाया गया है। इन आरोपों से घिरे मुख्य अभियंता की मुश्किल और भी ज्यादा बढ़ती दिखाई दे रही है।
नगर आयुक्त को विकास के कार्य सभी अभियंताओं को बांटने के लिए पत्र भेजा
मेयर डॉ. उमेश गौतम ने नगर आयुक्त अभिषेक आनंद को चिट्ठी जारी की है। इसमें उन्होंने स्पष्ट कहा कि 70 फीसदी काम एक ही अभियंता को दिया जाना भ्रष्टाचार की पुष्टि करता है। इस पर रोक लगाते हुए सभी इंजीनियरों को बराबर-बराबर कार्य आवंटित किए जाएं।
नगर विकास मंत्री तक फिर पहुंचाया चिट्ठा
इस मामले में मेयर ने भी नगर विकास मंत्री को पत्र भेजा है। उनका कहना है कि ऐसी स्थिति में सरकार की छवि धूमिल हो रही है। इसलिए मुख्य अभियंता का तत्काल स्थानांतरण होना चाहिए।
मेयर और पूर्व पार्षद भी चीफ इंजीनियर के खिलाफ खोले हैं मोर्चा
पूर्व पार्षद पार्षद राजेश तिवारी ने मुख्यमंत्री के नाम 4 अगस्त 2021 को भेजी थी। इसमें नगर निगम के लेखा विभाग और निर्माण विभाग को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इन मामलों का शासन स्तर तक संज्ञान लेने के बाद लखनऊ से एंटी करप्शन ने इन बिंदुओं पर प्रशासनिक स्तर से जांच आख्या मांगी है।
इसके बाद से नगर निगम के अधिकारियों के बीच हड़कंप मचा हुआ है। इधर मेयर ने 11 अक्टूबर 2021 को नगर विकास मंत्री को नगर निगम में चल रहे घपले-घोटालों के खेल को पहुंचाते हुए कड़ी चिट्ठी भेजी, जिसमें मुख्य अभियंता बीके सिंह को नगर निगम से हटाए जाने की सिफारिश की गई है।
मेरे ऊपर जो आरोप लगे हैं, उनके न तथ्य हैं और न ही सबूत। ऐसे ही मनगढ़ंत शिकायत कर दी गई हैं। अब जांच हो रही है तो सच्चाई खुद सामने आ जाएगी। एक महिला अभियंता को 70 फीसदी काम देने की बात है तो यह संज्ञान में आया है। इंजीनियरों की क्षमता के आधार पर इसका दोबारा आंकलन होगा। -भूपेश कुमार सिंह, मुख्य अभियंता, नगर निगम
मुख्य अभियंता पर एक के बाद एक गंभीर आरोप लग रहे हैं। इसकी जांच होनी चाहिए। ऐसे मामलों से नगर निगम और सरकार दोनों की छवि खराब हो रही है। मैंने नगर विकास मंत्री से मुख्य अभियंता को हटाए जाने की पैरवी की है। -डॉ. उमेश गौतम, मेयर
