उत्तर प्रदेश में गहराया बिजली संकट, एनटीपीसी की दूसरी इकाई भी बंद
रायबरेली। पूरे देश के तापीय विद्युत संयंत्रों में कोयले की कमी से उत्पादन घटकर आधा हो गया है। हाल यह है कि एनटीपीसी(NTPC) की दो नंबर यूनिट भी रविवार को बंद हो गई। वहीं पिछले बुधवार को छह नंबर यूनिट बंद हुई थी। इसी कारण प्रदेश और दिल्ली में बिजली का बड़ा संकट खड़ा होना …
रायबरेली। पूरे देश के तापीय विद्युत संयंत्रों में कोयले की कमी से उत्पादन घटकर आधा हो गया है। हाल यह है कि एनटीपीसी(NTPC) की दो नंबर यूनिट भी रविवार को बंद हो गई। वहीं पिछले बुधवार को छह नंबर यूनिट बंद हुई थी। इसी कारण प्रदेश और दिल्ली में बिजली का बड़ा संकट खड़ा होना तय है।
अमृत विचार ने शनिवार को प्रकाशित समाचार में एनटीपीसी की दो नंबर यूनिट बंद होने की आशंका जताई थी।रविवार को दो नंबर यूनिट बंद कर दी गई। असल में एनटीपीसी में अगस्त माह से कोयले का संकट बना हुआ है। इस कारण 1450 मेगावाट का संयंत्र बिजली उत्पादन में पिछड़ गया। यह वह संयंत्र है जिससे आठ राज्यों को बिजली की आपूर्ति होती है।
कोयले का भंडारण एनटीपीसी में घटकर 16 हजार मिट्रिक टन रह गया है जबकि इसकी भंडारण क्षमता 7 लाख 50 हजार मिट्रिक टन है। उत्तरी करनपुरा से कोयला एनटीपीसी को पहुंचाया जाता है लेकिन अगस्त से उत्तरी करनपुरा से लोड नहीं आ रहा है। झारखंड के अन्य जिलों से कोयला भेजा जाता रहा है। यह कोयला गीला है जिस कारण 11 लाख सेल्सियस का तापमान नहीं मिल पा रहा और टरबाइन के साथ ब्वायलर पूरी क्षमता से नहीं चल पा रहे हैं। इस कारण बिजली का उत्पादन कम हो रहा है।
कम उत्पादन के कारण बीते बुधवार को यूनिट छह को बंद कर दिया गया था तो वहीं अब यूनिट दो पर संकट गहरा रहा था। 210 मेगावाट की यह यूनिट 55 फीसद बिजली का उत्पादन कर रही है। बीते तीन दिन में इसका उत्पादन तीन फीसद गिर रहा था। इस यूनिट को आखिरकार रविवार को बंद कर दिया गया।
एनटीपीसी की तकनीकी विभाग की टीम झारखंड गई है जहां कोयला की आपूर्ति को लेकर कोल इंडिया के अधिकारियों से बात हो रही है लेकिन कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
बता दें कि एनटीपीसी की जन संपर्क अधिकारी कोमल शर्मा ने बताया कि दिक्कत कोयले की है इसी कारण दो नंबर यूनिट को बंद किया गया है।
