बरेली: मदरसा जामियातुर रजा में अदा की गई आला हजरत के कुल की रस्म

बरेली: मदरसा जामियातुर रजा में अदा की गई आला हजरत के कुल की रस्म

बरेली, अमृत विचार। आला हजरत के उर्स की रस्में दरगाह ताजुश्शरिया और सीबी गंज स्थित मदरसा जामियातुर रजा में भी अदा की गईं। काजी-ए-हिंदुस्तान मुफ्ती असजद मियां की सरपरस्ती, जमात रजा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं उर्स प्रभारी सलमान मियां की सदारत, जमात रजा के राष्ट्रीय महासचिव फरमान मियां की निगरानी में उर्स मनाया गया। कार्यक्रम …

बरेली, अमृत विचार। आला हजरत के उर्स की रस्में दरगाह ताजुश्शरिया और सीबी गंज स्थित मदरसा जामियातुर रजा में भी अदा की गईं। काजी-ए-हिंदुस्तान मुफ्ती असजद मियां की सरपरस्ती, जमात रजा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं उर्स प्रभारी सलमान मियां की सदारत, जमात रजा के राष्ट्रीय महासचिव फरमान मियां की निगरानी में उर्स मनाया गया। कार्यक्रम की निजामत मौलाना गुलजार ने की। जमात रजा के प्रवक्ता समरान खान ने बताया कि फजर की नमाज के बाद दरगाह ताजुश्शरिया और मदरसा जामियातुर रजा में कुरानख्वानी और नात-ओ-मनकबत की महफिल सजाई गई।

मुख्य कार्यक्रम का आगाज मदरसा जामियातुर रजा में सुबह 10 बजे कारी शर्फोद्दीन ने तिलावत-ए-कुरान से किया। नातख्वा नसीम बरकाती, आसिफ रजा, अदनान रजा और सैय्यद कैफी अली नात-ओ-मनकबत का नजराना पेश किया। मुफ्ती असजद मियां ने तकरीर में कहा कि लड़का और लड़कियों की शादी में ज्यादा देर न करें।

वहीं अल्लामा जिया उल मुस्तफा ने कहा कि दुनियावी तालीम के साथ दीनी तालीम भी बच्चों को जरूर दें जिससे बच्चे अपने ईमान और अकीदत की हिफाजत कर सकें। मौलाना शाहजाद आलम ने कहा कि बेगुनाहों को दोषी न ठहराया जाए। हुकूमत में बैठे ओहदेदार इंसाफ से काम लें। इसके अलावा सैय्यद गियास मियां, मौलाना आबू यूसुफ, मौलाना शकील, मौलाना कफील, मौलाना फैजान रजा ने भी खिताब किया। दोपहर को 02:38 बजे आला हजरत के कुल की रस्म अदा की गई। फातिहा मौलाना अब्दुल सत्तार रजा ने पढ़ी। शिजरा और खुसूसी दुआ मुफ्ती असजद मियां ने की।

इसी के साथ तीन रोजा उर्स-ए-रजवी का समापन हो गया। इस मौके पर हुस्साम मियां, हुम्माम मियां, मुफ्ती आशिक हुसैन, बुरहान मियां, मंसूब मियां, मौलाना शाहमत रजा, मौलाना शकील, मौलाना शाहिद, मौलाना फैसल, कारी वसीम, कारी फैज़ू नबी, मौलाना जाहिद, कारी काजिम रजा, मुफ्ती अफजाल रजवी, मुफ्ती नश्तर फारुकी, मौलाना सैय्यद अजीमुद्दीन अजहरी, मौलाना शम्स रजा और उर्स कोर कमेटी से डॉक्टर मेहंदी हसन, शमीम अहमद, मोईन खान, समरान खान, हाफिज इकराम रजा खां, अब्दुल्लाह रजा खां आदि लोग मौजूद रहे। मोहम्मद फैजान रजा, अमिल खान, मोहम्मद आकिल खान, तसलीम खान, शबाब रजा, जुबैर कुरैशी, शाहबुद्दीन रजा, वसीम रजा, डा. जफर खान, हसमत अली, आमिर हबीबी, हाफिज अकबर, मौलाना बहारूल मुस्तफा, शाहरूख रजा अजहरी, मशकूर अली आदि का विशेष सहयोग रहा।

35 लाख लोगों ने ऑनलाइन सुना उर्स का कार्यक्रम
आईटी सेल प्रभारी अतीक अहमद हशमती ने बताया कि 103वां उर्स-ए-रजवी का ऑनलाइन ऑडियो लाइव प्रसारण किया गया जिसमें बरेली सहित देश विदेश के जायरीन जुड़े। लगभग 35 लाख जायरीन ने ऑनलाइन लिंक पर जाकर तीनों दिन उर्स का लाइव ऑडियो प्रसारण सुना।

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