बरेली स्वास्थ्य विभाग का गजब कारनामा: मुर्दों को लगाई जा रही कोरोना वैक्सीन, बधाई संदेश भी भेज रहे
बरेली, अमृत विचार। कोविड-19 से लड़ाई के लिए देश में शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन के लिए महाअभियान चालया जा रहा है। मगर इस अभियान में बरेली का स्वास्थ्य विभाग इतनी रफ्तार पकड़ चुका है कि यहां जिंदा लोगों के साथ-साथ मुर्दों का भी वैक्सीनेशन किया जा रहा है। ताजा मामला बरेली के क्यारा ब्लॉक से सामने आया …
बरेली, अमृत विचार। कोविड-19 से लड़ाई के लिए देश में शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन के लिए महाअभियान चालया जा रहा है। मगर इस अभियान में बरेली का स्वास्थ्य विभाग इतनी रफ्तार पकड़ चुका है कि यहां जिंदा लोगों के साथ-साथ मुर्दों का भी वैक्सीनेशन किया जा रहा है। ताजा मामला बरेली के क्यारा ब्लॉक से सामने आया है। जहां छह महीने पहले मृत हुई एक बुजुर्ग महिला का वैक्सीनेशन कर दिया गया। हैरत की बात यह है कि महिला के नाम से दोनों डोज लगने का एक सर्टिफिकेट भी जारी हो चुका है। जिसमें दोनों डोज की तारीख लिखी हुई है।
पहली डोज लगने के 10 दिनों बाद हो गई थी मौत
दरअसल, क्यारा ब्लॉक के परगवां गांव की रहने वाली 72 वर्षीय छबीली देवी ने 08 मार्च, 2021 को कोविशील्ड की क्यारा सीएचसी पर पहली डोज ली थी। पहली डोज लगने के 10वें दिन यानि 18 मार्च, 2021 को उनकी मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि वह पहले से हार्ट की मरीज थी। इसके बाद गांव के प्रधान ने इनकी मौत का एक प्रमाण पत्र भी जारी किया। मगर चौंकाने वाली बात है कि इनकी मौत के छह माह बाद 30 सितंबर, 2021 को इनके दूसरी डोज भी लगा दी जाती है। जिसका उनके रजिस्टर मोबाइल नंबर पर संदेश भी भेजा जाता है। जब परिजनों ने भेजे गए लिंक से सर्टिफिकेट डाउनलोड किया तो उसमें भी दोनों डोज की तारीख लिखी हुई थी। जिसके बाद सभी हैरत में पड़ गए।
दबाव में आकर पोर्टल पर बिना वैक्सीन कर देते है अपलोड
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक इन दिनों वैक्सीनेशन को लेकर शासन से काफी दबाव बनाया जा रहा है। सभी जगहों पर अधिकांश लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए टारगेट तक दिए जा रहे है। जिसकी वजह से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारी ही इसमें खेल कर देते है। जिन लोगों का दोनों वैक्सीन के बीच का समय पूरा हो जाता है। उन्हें वह खुद ही अपडेट कर देते है। उन्हें भी इस बात की जानकारी नहीं होती कि दूसरी डोज लेने वाला व्यक्ति जिंदा है भी या फिर नहीं।
सीएमओ नहीं दे पाए स्पष्ट जबाव
जब इस बारे में बरेली के सीएमओ डॉ. वलवीर सिंह से बात की गई तो वह भी इस बारे में स्पष्ट जबाव नहीं दे पाए। उनका कहना था कि हो सकता है, उनके नाम और नंबर से किसी दूसरे ने वैक्सीन ले ली हो। मगर जब वैक्सीन के लिए आधारकार्ड अनिवार्य है तो यह बात समझ से परे लगी। हालांकि उन्होंने इस मामले की जांच कराने की बात कही है। उनका कहना है कि इस लापरवाही की वह कठोरता से जांच कराएंगे।
सवाल! जिनकी डोज बची, वह कहां गई?
स्वास्थ्य विभाग की इस हरकत के बाद यह सवाल खड़ा होना लाजिमी है कि आखिर जिन मुर्दों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है। उनकी बची हुई डोज कहां जा रही? उस डोज का स्वास्थ्य विभाग क्या करता है। इस बारे में कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। वहीं, चर्चाएं यह भी है कि स्वास्थ्य विभाग इन वैक्सीन को कहीं बेच तो नहीं रहा।
यह भी पढ़े- बरेली के मशहूर सुरमा के मालिक एम हसीन हाशमी का इंतकाल
