लखीमपुर खीरी: अकेलापन वृद्धों को बना रहा बीमार, आवश्यक है देखभाल
अमृतविचार, लखीमपुर-खीरी। टूटते परिवार और सिमटती एकता की सोच समाज के वृद्धों पर भारी पड़ रही है। देश में वृद्धों की संख्या में जिस तेजी से वृद्धि हो रही है वह चिंता का विषय है। आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो देश में हर 12 वां व्यक्ति वरिष्ठ नागरिक है। इसमें अकेलापन वृद्धों पर और …
अमृतविचार, लखीमपुर-खीरी। टूटते परिवार और सिमटती एकता की सोच समाज के वृद्धों पर भारी पड़ रही है। देश में वृद्धों की संख्या में जिस तेजी से वृद्धि हो रही है वह चिंता का विषय है। आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो देश में हर 12 वां व्यक्ति वरिष्ठ नागरिक है। इसमें अकेलापन वृद्धों पर और भारी पड़ रहा है। चिंता की बात यह है कि जहां परिवारों में उनका विशेष ध्यान नहीं दिया जाता है वहीं सरकार के पास भी वृद्धों के लिए कोई ठोस योजना नहीं है। नतीजा यह है कि अधिकांश वृद्ध घुट-घुटकर जिंदगी जी रहे हैं।
हालांकि स्वास्थ्य विभाग एक अक्टूबर को उनके लिए जिले में उपचार के शिविर आयोजित करेगा। बेरोजगारी के इस युग में जहां परिवार टूट रहे है, परिवार छोटे हो रहे हैं। संयुक्त परिवारों में भी वृद्धों की तरफ लोगों का ध्यान कम ही जाता है। काम के लिए युवाओं के बाहर जाने से घरों में वृद्ध अकेले बच रहे हैं। शहर में भी ऐसे लोगों की संख्या भी कम नहीं है। जिनके बच्चे काम के लिए बाहर रहते है। वृद्ध लोग घरों में अकेले रहते हैं। यह अकेलापन उन्हें बीमार बना रहा है। इनमें ब्लड प्रेशर, शुगर, आंखों से कम दिखना कम सुनने के अलावा मानसिक बीमारी के मामले बढ़ रहे है।
तमाम लोग ऐसे भी हैं जिनके परिवार में आर्थिक स्थिति भी संतोष जनक नहीं है वे चाहकर भी वृद्धों के लिए वह सब नहीं कर पाते जिसकी उन्हें आवश्यकता है। वृद्धों को अपने जीवन यापन के लिए सरकार से 500 रूपये प्रतिमाह पेंशन मिलती है लेकिन यह आज के महंगाई के दौर में काफी कम है। पैसों की कमी से उन्हें न तो समय पर उपचार मिल पाता हैं और नही वे अकेले अस्पताल तक जा पाते है। और सरकार के पास भी इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं है।
वृद्ध दिवस पर स्वास्थ्य विभाग लगाएगा शिविर
वृद्ध दिवस पर स्वास्थ्य विभाग जिला अस्पताल और सीएचसी केंद्रों पर शिविर आयोजित करेगा। इसमें वृद्धों के ब्लडप्रेशर और शुगर तथा, आंख, कान, मानसिक व अन्य बीमारियों की जांच की जाएगी। उन्हें दवाएं भी दी जाएंगी। उनके लिए विचार गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। लेकिन यह सब एक दिन की व्यवस्था होगी। इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं है कि उन्हें घर बैठे जांच और इलाज जैसी सुविधाएं मिल सकें।
बंद पड़ा है जिला अस्पताल का जिरियाट्रक वार्ड
हालांकि पिछले वर्षों में वृद्धो के लिए अलग दवा काउंटर और जिरियाट्रिक वार्ड की स्थापना की गई थी लेकिन कोरोना काल में इस वार्ड को बंद करना पड़ा। तब से यह वार्ड अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। जिला अस्पताल में वृद्धों की नियमित जांच आदि के लिए भी जो उपाय किए गए थे वह भी कोराना काल से ठप पड़े हैं। उन्हें फिर से शुरू करने की आवश्यकता है।
वृद्धों के लिए चलाई जा रही हैं योजनाएं
सीएमओ डा शैलेंद्र भटनागर का कहना है कि जिले में एनपीएचसीई के तहत वृद्धों के लिए कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिला अस्पताल में जिराट्रिक्स इकाई की स्थापना का लक्ष्य है जो इसी वर्ष पूरा कर लिया जाएगा। जिला अस्पताल में जिराट्रिक्स वार्ड है जो करोना काल में बंद कर दिया गया था उसे फिर से चालू कराया जाएगा। इसके अलावा भी उनके लिए स्वास्थ्य विभाग प्रयास कर रहा है।
