मुरादाबाद: 1.66 करोड़ हड़पने के लिए दोस्त ने ही कराई थी सुपरवाइजर की हत्या
मुरादाबाद, अमृत विचार। बीमे की 1.66 करोड़ रुपये की रकम हड़पने के लिए दोस्त ने ही सुपरवाइजर की हत्या करा दी। उसकी योजना हत्या को हादसा दर्शा कर रुपये हड़पने की थी। आरोपी इससे पहले अपने साले की भी हत्या इसी तरह कर बीमे की रकम हड़प चुका है। सुपरवाइजर की हत्या करने के बाद …
मुरादाबाद, अमृत विचार। बीमे की 1.66 करोड़ रुपये की रकम हड़पने के लिए दोस्त ने ही सुपरवाइजर की हत्या करा दी। उसकी योजना हत्या को हादसा दर्शा कर रुपये हड़पने की थी। आरोपी इससे पहले अपने साले की भी हत्या इसी तरह कर बीमे की रकम हड़प चुका है। सुपरवाइजर की हत्या करने के बाद वह जेल चला गया। पाकबड़ा पुलिस और एसओजी ने मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से आला कत्ल और हत्या में प्रयुक्त बोलेरो कार भी बरामद की गई है। घटना का खुलासा करने वाली टीम को डीआईजी ने 50 हजार रुपये और प्रशस्ति पत्र देने की घोषणा की है।
घटना का पर्दाफाश करते हुए एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि आठ सितंबर की रात पाकबड़ा-डींगरपुर मार्ग पर ग्राम बकैनिया के पास एक युवक का शव मिला था। हत्यारों ने इसे हादसे का रूप देने का प्रयास किया था। कुछ ही देर बाद मृतक की पहचान 31 वर्षीय जालेंद्र सिंह के रूप में हुई थी। वह संभल जनपद के कस्बा व थाना असमोली में यादव धर्मशाला के पास का रहने वाला था। जालेंद्र पाकबड़ा थाना क्षेत्र में दीवान संस कंपनी में स्टोर सुपरवाइजर था। वह ग्राम समाथल में पत्नी व बच्चों के साथ किराए का कमरा लेकर रहता था।
अगले दिन उसके छोटे भाई जोगेंद्र सिंह ने अज्ञात हत्यारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। एसपी सिटी अमित कुमार आनंद और सीओ हाइवे डॉ. गणेश गुप्ता के नेतृत्व में पाकबड़ा और एसओजी को इस घटना के खुलासे के लिए लगाया गया था। पुलिस और एसओजी ने मंगलवार को इस मामले में अमरोहा जनपद के नौगांवा सादात थानाक्षेत्र के गांव कुड़े माफी निवासी सगे भाइयों वीर सिंह उर्फ बिट्टू और पुष्पेंद्र उर्फ पिक्कू, हसनपुर कोतवाली क्षेत्र के गांव ताहरपुर निवासी राजीव चौहान और गांव चकौरी निवासी इंद्रपाल उर्फ करन को गिरफ्तार कर लिया, जबकि घटना का मास्टर माइंड असमोली निवासी राजीव कुमार 20 सितंबर से जेल में बंद है।
बीमों के विषय में पत्नी को भी नहीं थी जानकारी
उन्होंने बताया कि असमोली निवासी राजीव जालेंद्र का दोस्त था। उसने ही आठ महीने में जालेंद्र के एक करोड़ 66 लाख 22 हजार 250 रुपये के तीन बीमे किए थे। इनमें से एक बीमे पर हत्या वाले दिन ही हस्ताक्षर कराए गए थे। पहला बीमा करने के दौरान ही राजीव कुमार ने उसे ठिकाने लगाने की योजना ली थी। इसी के चलते उसने तीनों बीमों में मोबाइल नंबर और पता अपना दर्ज कराया था। इन बीमों के बारे में जालेंद्र की पत्नी आंचल और नॉमिनी बनाई गई उसकी मां को भी कोई जानकारी नहीं थी। पुलिस को जांच में यह भी पता चला कि राजीव कुमार ने बीमा की रकम हड़पने के लिए अपने सगे साले शैलेष की भी इसी प्रकार हत्या कर दी थी। इस मामले में उसे नौगावां पुलिस ने जेल भेजा था। उसके साले की पत्नी पिंकी भी लापता हो गई थी। इसमें भी उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसी मामले में असमोली पुलिस ने उसे 20 सितंबर को जेल भेज दिया था।
जेल में बनाया था जालेंद्र को मारने का प्लान
पकड़े गए आरोपियों ने पुलिस को बताया कि राजीव कुमार और वीर सिंह उर्फ बिट्टू की जेल में जान पहचान हुई थी। ताहरपुर निवासी राजीव चौहान बिट्टू का मित्र है। इसी तिकड़ी ने जालेंद्र की हत्या की योजना बनाई। राजीव कुमार ने जालेंद्र की हत्या के लिए बिट्टू और राजीव चौहान को तीन लाख रुपये देने का वादा किया था। राजीव ने 28 अगस्त को बिट्टू और राजीव चौहान को टीएमयू के पास बुलाकर पूरी योजना समझाई। साथ ही अपने साथ कम से कम दो या तीन और लोगों को लाने के लिए कहा।
इसी के तहत आठ सितंबर को बिट्टू अपने छोटे भाई पुष्पेंद्र उर्फ पिंकू तथा राजीव चौहान अपने साथ इंद्रपाल उर्फ करन को लेकर जीरो प्वाइंट पर बोलेरो से पहुंचा। इसके बाद पांचों ने शराब पी और फिर जालेंद्र की फैक्ट्री के पास पहुंच कर उसका इंतजार करने लगे। साढ़े आठ बजे जालेंद्र अपने घर जाने के लिए स्कूटी से निकला तो ये लोग उसे बकैनिया गांव के पास मिल गए। इन लोगों ने उसे बातों में लगाकर गाड़ी में अगली सीट पर बैठा लिया। राजीव चौहान गाड़ी चला रहा था। बिट्टू व राजीव कुमार बीच वाली सीट पर बैठे थे, जबकि इंद्रपाल उर्फ करन जालेंद्र की स्कूटी चला रहा था।
उनका पांचवां साथी पिक्कू अपनी बाइक से बोलेरो के साथ चल रहा था। राजीव कुमार ने चलती गाड़ी में ही इंश्योरेंस के कागजों पर हस्ताक्षर करने का दबाव बना रखा था। पहले जालेंद्र ने इन्कार किया, मगर ज्यादा दबाव बनाने पर उसने कागजों पर हस्ताक्षर कर दिए। उसके हस्ताक्षर करते ही बिट्टू और राजीव कुमार ने ईंट तोड़ने वाली वसूली से उसके सिर पर ताबड़तोड़ वार कर दिए। उसकी गाड़ी में ही मौत गई। इसके बाद शव को सड़क पर ही फेंक कर स्कूटी उसके पास खड़ी कर हत्या को हादसा दिखाने का प्रयास किया।
जालेंद्र के शव पर पांच बार चढ़ाई बोलेरो
सीओ हाइवे ने बताया कि हत्यारोपियों ने बेहद शातिराना तरीके से जालेंद्र की हत्या की घटना को अंजाम दिया। ईंट तोड़ने वाली लोहे की वसूली से उसके सिर पर ताबड़तोड़ वार करके गाड़ी में ही हत्या कर दी। इसे बाद हत्या को हादसे का रूप देने के लिए शव पर पांच बार गाड़ी भी चढ़ाई।
हरिद्वार जाने के लिए बुक कराई थी बोलेरो
एसपी सिटी ने बताया कि हत्या में प्रयुक्त की गई बोलेरो को बीमाकर्मी राजीव कुमार ने अपने दोस्त रवि शंकर द्वारा ही हरिद्वार जाने के लिए बुक किया था। कार बुक कराने पर शर्त रखी गई थी सिर्फ गाड़ी ही चाहिए, चालक उनके पास है। वारदात को अंजाम देने के बाद सभी बोलेरो से अमरोहा चले गए। इसके बाद राजीव कुमार ने गाड़ी को धुलवा भी दिया। लेकिन, फिर भी उसमें जालेंद्र के खून के दाग लगे रह गए।
2017 में इंश्योरेंस की रकम के लिए सगे साले की भी की थी हत्या
इंश्योरेंस की रकम हड़पने के लिए शातिर राजीव कुमार ने सगे साले की भी हत्या कर दी थी। उसने योजनाबद्ध तरीके से साले का मोटा टर्म इंश्योरेंस किया था। उसने उसकी हत्या कर शव को अमरोहा में फेंक दिया था। इस मामले में वह जेल भी गया था।
ये रहे टीम में शामिल
जालेंद्र सिंह की हत्या का खुलासा करने वाली टीम में पाकबड़ा थाना प्रभारी योगेंद्र कृष्ण यादव, एसओजी प्रभारी अजय पाल, इश्तियाक अली, जितेंद्र कुमार, आलोक त्यागी शामिल रहे।
