लखनऊ: पाक से नकली करेंसी के खेल का अब होगा खुलासा, सरगना गिरफ्तार

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लखनऊ। पाकिस्तान से बांग्लादेश के रास्ते जाली भारतीय मुद्रा पश्चिम बंगाल पहुंचाई जा रही है। इस खेल में शामिल एक शातिर महिला को यूपी एटीएस ने मालदा से दबोच लिया है। जमानत पर छूट अपने बेटे कबीर के साथ मिलकर महिला यह कारोबार चला रही थी। उसके ऊपर पचास हजार का इनाम घोषित था। उसके …

लखनऊ। पाकिस्तान से बांग्लादेश के रास्ते जाली भारतीय मुद्रा पश्चिम बंगाल पहुंचाई जा रही है। इस खेल में शामिल एक शातिर महिला को यूपी एटीएस ने मालदा से दबोच लिया है। जमानत पर छूट अपने बेटे कबीर के साथ मिलकर महिला यह कारोबार चला रही थी। उसके ऊपर पचास हजार का इनाम घोषित था। उसके पति और गिरोह के दो अन्य सदस्यों को एटीएस पहले ही सलाखों के पीछे पहुंचा चुकी है। एसएसपी एटीएस अभिषेक सिंह ने बताया कि साथियों की गिरफ्तारी के बाद जाली नोटों को सप्लाई करने के लिए मुमताज़ अपना नाम और पता बदलकर रह रही थी।

मुमताज को मालदा से गिरफ्तार करने के बाद न्यायालय मालदा में पेश कर ट्रांजिट रिमांड लेकर लखनऊ लाया जा रहा है। उसके द्वारा जाली मुद्रा को उत्तर प्रदेश, हरियाणा व एनसीआर क्षेत्र में सप्लाई किया जाता था। बीते वर्ष 1 सितंबर 2020 को मालदा, पश्चिम बंगाल से भारी मात्रा में जाली भारतीय मुद्रा की तस्करी करने वाले गिरोह के दो व्यक्तियों तहसीन खान व मो. वसीम को एटीएस ने आगरा से गिरफ्तार किया था। इनके कब्जे से करीब छह लाख के नकली नोटों की बरामदगी हुई थी। सभी नोट 500 रुपये के थे। इन्ही गिरफ्तार अभियुक्तों की निशानदेही पर ही एटीएस ने अभियुक्ता को गिरफ्तार किया है।

उन्होंने बताया कि अभियुक्तों से पूछताछ में पता चला कि जोयनपुर, चाइपारा, थाना-वैष्णवनगर, जनपद-मालदा निवासी दंपत्ति मुमताज़ बेगम पत्नी सदर अली बड़े पैमाने पर जाली भारतीय मुद्रा का अंतर्राष्ट्रीय परिवहन करते हैं। इस जाली मुद्रा की सप्लाई उत्तर प्रदेश, हरियाणा व एनसीआर क्षेत्र में सप्लाई करने की जानकारी मिली थी। पूछताछ में यह भी पता चला कि गिरोह मे मुमताज़ प्रमुख है और उच्च कोटि कि भारतीय जाली मुद्रा का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार करती है। जिसके बाद एटीएस ने उसके ऊपर पचास हजार का इनाम घोषित किया था।

मुमताज का पति व इस अंतर्राष्ट्रीय अवैध व्यापार में मुमताज़ का प्रमुख सहयोगी, सदर अली पहले ही एटीएस द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। उसकी गिरफ्तारी एटीएस वाराणसी यूनिट द्वारा की गई है। एसएसपी एटीएस ने बताय कि अभियुक्ता से पूछताछ कर यह जानने का प्रयास किया जा रहा है नकली नोट उसे कौन उपलब्ध कराता था। वहीं एटीएस सूत्रों की मानें तो यह जाली नोट पाकिस्तान में छापे जाते हैं। वहां से इन्हें बांग्लादेश के रास्ते चोरी छिपे बार्डर पार कर पश्चिम बंगाल पहुंचा दिया जाता है। यहीं से इन नोटों की सप्लाई देश के कई हिस्सों में की जाती है।

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