अमेठी: सरकारी अस्पताल में मुफ्त इलाज का दावा हवा हवाई, जानें पूरा मामला…
अमेठी। सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज का दावा हवा हवाई साबित हो रहा है। अमेठी जिले की सीएचसी में टूटे पैर का इलाज कराने पहुंचे मरीज की डॉक्टरों ने गलत हड्डी जोड़ दी। यहां तक की मरीज को अस्पताल से दवा न देकर बाहर से दवा लिख दी। मरीज को पट्टी और ब्लेड तक बाहर …
अमेठी। सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज का दावा हवा हवाई साबित हो रहा है। अमेठी जिले की सीएचसी में टूटे पैर का इलाज कराने पहुंचे मरीज की डॉक्टरों ने गलत हड्डी जोड़ दी। यहां तक की मरीज को अस्पताल से दवा न देकर बाहर से दवा लिख दी।
मरीज को पट्टी और ब्लेड तक बाहर से लाना पड़ा। यही नहीं मरीज 5 दिनों की दवा 1400 रुपए का चंदा इकट्ठा करके बाहर से खरीदने पर मजबूर है। हालांकि डॉक्टर का कहना है कि पीड़ित मरीज को अस्पताल से दवा दी जाती है।
डॉक्टर ने बांध दिया गलत प्लास्टर
दरअसल, अमेठी तहसील क्षेत्र के रहने वाले मोहम्मद अफसर ने बताया कि वह मजदूरी करता है। मजदूरी करते समय पाड़ से गिर जाने पर उसकी एड़ी की हड्डी टूट गई। वो इलाज के लिए सीएचसी आया तो यहां डॉक्टरों ने प्लास्टर गलत बांध दिया, जिससे उसकी दिक्कत बढ़ गई। बेहतर इलाज के लिए वो अमेठी जिला मुख्यालय गौरीगंज के सरकारी अस्पताल पहुंचा।
बाहर से लिखी 1400 रुपए की दवा
अफसर ने बताया कि यहां डॉक्टर हनुमान प्रसाद ने कहा कि प्लास्टर काट कर फिर से चढ़ेगा। डॉक्टर ने 5 दिन की 1400 रुपए की दवा लिख दी। अफसर ने कहा कि इतनी मंहगी दवा का पैसा कहां से लाएं। हम मजदूर आदमी हैं। इससे अच्छा हमें जहर दे दें, जिसे खाकर मर जाएं। अफसर ने बताया कि पहली बार एक व्यक्ति ने मदद की तब जाकर दवा खरीदी। अब की बार कौन मदद करेगा। पट्टी और ऑपरेशन ब्लेड तक हम खरीदकर लाए हैं।
मरीज को अस्पताल से दी गई दवा
जब डॉक्टर हनुमान प्रसाद से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मरीज को दवा अस्पताल से दी जाती है। जब उनसे पूछा गया कि मरीज को दवा बाहर से लिखी गई है तो उन्होंने सवाल किया क्या हमने लिखी है। मरीज हमारा नाम बता रहा है। डॉक्टर हनुमान प्रसाद ने कहा कि मरीज ने उनसे बताया कि प्लास्टर बंध गया है, लेकिन दर्द नहीं जा रहा है। मरीज का दर्द कम करने के लिए अब हमको तो कोई समाधान करना ही पड़ेगा।
इस मामले मे मुख्य चिकित्सा अधिकारी आशुतोष दुबे ने कहा कि मामला उनके संज्ञान मे नहीं है ,शिकायत मिलने पर जांच करवाई जाएगी ।
