बरेली: कुत्तों के झुंड का बच्ची पर हमला, मांस नोचकर खाया
बरेली, अमृत विचार। कटखने कुत्तों को पकड़ने के सख्त आदेश हैं लेकिन नगर निगम के अधिकारी राज्य सरकार के आदेश को तब्ज्जो नहीं देते। उनकी यही लापरवाही आम इंसान के जीवन में खतरा पैदा कर रही है। पूर्व में कुत्ते कई लोगों की जान ले चुके हैं। इसके बावजूद अधिकारी कुत्तों से आम इंसान की …
बरेली, अमृत विचार। कटखने कुत्तों को पकड़ने के सख्त आदेश हैं लेकिन नगर निगम के अधिकारी राज्य सरकार के आदेश को तब्ज्जो नहीं देते। उनकी यही लापरवाही आम इंसान के जीवन में खतरा पैदा कर रही है। पूर्व में कुत्ते कई लोगों की जान ले चुके हैं। इसके बावजूद अधिकारी कुत्तों से आम इंसान की रक्षा करने के लिए गंभीर नहीं दिख रहे हैं।
गुरुवार शाम करीब 6 बजे परसाखेड़ा क्षेत्र में कुत्तों के झुंड ने आठ वर्षीया बच्ची पर हमला कर दिया। खूंखार कुत्ते भेड़िये की तरह बच्ची पर टूट पड़े और खींचकर झाड़ियों में ले गए। बच्ची की चीख भी कुत्तों के भौंकने की आवाज में दब गयी। कुत्ते बच्ची की गर्दन को काटते रहे। गर्दन व शरीर के अन्य हिस्से को नोचकर कुत्ते खाने लगे। इस बीच सड़क से गुजर रहे लोगों ने बच्ची की आवाज सुनी और दौड़कर कुत्तों से बच्ची को बचाया। गंभीर हालत में बच्ची को परिजनों ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। इमरजेंसी के डाक्टरों का कहना है कि खून बहुत बह चुका है। किसी तरह खून बहने से रोक दिया है लेकिन बच्ची की हालत नाजुक बनी हुई है।
पटना के मसौरी गांव के निवासी रामराज दो साल पहले काम की तलाश में सपरिवार बरेली पहुंचे थे। उन्हें परसाखेड़ा की फैक्ट्री श्री बालाजी पॉलीटेप लिमिटेड में काम मिला और फैक्ट्री के संचालक सत्येंद्र पाल सिंह ने उन्हें फैक्ट्री के अंदर ही रहने के लिए जगह भी मुहैया करा दी। रामराज ने बताया कि गुरुवार की शाम करीब 6 बजे उनकी आठ वर्षीया बेटी निभा फैक्ट्री के गेट पर खड़ी थी। इसी दौरान तीन लोग बाजार से सब्जी लेकर आ रहे थे।
उनके फैक्ट्री गेट पार करते ही पीछे से करीब 12 से 14 कुत्तों का एक झुंड आया और उनकी बेटी हमला कर दिया। वह बचने के लिए जोर से चिल्लाती कि कुत्तों ने उसकी गर्दन पर हमला कर दिया और खींचकर झाड़ियों में ले गए। उसे नोचकर खाने लगे। किसी तरह निभा की आवाज निकली तो लोगों ने पीछे मुड़कर देखा तो बच्ची को बचाने के लिए दौड़ पड़े। जब तक लोग मौके पर पहुंचे कुत्ते बच्ची को बुरी तरह नोच चुके थे। लोगों का शोर सुनकर कुत्ते भाग गए। फैक्ट्री संचालक और इलाके के अन्य लोग तुरंत बच्ची को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे जहां चिकित्सकों ने किसी तरह बच्ची का बहता खून रोका।
गले का घाव बन सकता है जानलेवा
जिला अस्पताल तक पहुंचने पर बच्ची का काफी खून बह चुका था। चिकित्सकों का कहना है कि बच्ची की गर्दन पर कुत्तों के दांत काफी अंदर तक गढ़ गये हैं। जिसकी वजह से घाव काफी गहरे हैं। वही घाव बच्ची के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। हालांकि बच्ची अभी बेहोशी की हालत में है। चिकित्सकों का कहना है कि बच्ची की हालत बिगड़ने पर उसे बड़े अस्पताल में रेफर कर दिया जाएगा।
