बरेली: चाइनीज नहीं, इस बार स्वदेशी राखियों से सजा बाजार
बरेली, अमृत विचार। भाई-बहनों के अटूट प्यार का प्रतीक रक्षाबंधन इस बार 22 अगस्त को है। पर्व के लिए बाजार में राखियों की दुकानें सज चुकी हैं। बहनें अपने भाइयों के लिए मनपसंद राखियां खरीदने बाजार पहुंचने लगी हैं। खास बात ये है कि इस बार चाइनीज राखियां बाजार से बिल्कुल गायब हैं। सिर्फ स्वदेशी …
बरेली, अमृत विचार। भाई-बहनों के अटूट प्यार का प्रतीक रक्षाबंधन इस बार 22 अगस्त को है। पर्व के लिए बाजार में राखियों की दुकानें सज चुकी हैं। बहनें अपने भाइयों के लिए मनपसंद राखियां खरीदने बाजार पहुंचने लगी हैं। खास बात ये है कि इस बार चाइनीज राखियां बाजार से बिल्कुल गायब हैं। सिर्फ स्वदेशी राखियों से बाजार गुलजार है।
राखी विक्रेताओं का कहना है कि पिछले साल भी चीन से नई राखियां बाजारों में नहीं आई थीं। जबकि, 2019 में चाइनीज राखियों की जमकर बिक्री हुई थी। उस साल की बची अधिकांश राखियां पिछले साल रक्षाबंधन पर बिक गईं। इस बार बाजार में सिर्फ भारत में बनी राखियां ही बेची जा रही हैं। राखी के थोक व्यापारियों ने बताया कि बरेली में कच्चा माल गुजरात के राजकोट और मुंबई से मंगाया जाता है। बरेली में ही राखियों को बनाया जाता है। कुछ व्यापारी दिल्ली से कच्चा माल मंगाकर बरेली में तैयार करवाते हैं।
बच्चों को लुभा रहीं कार्टून और म्यूजिकल राखी
बच्चों का ध्यान आकर्षित करने के लिए रबड़ से बने कार्टून कैरेक्टर वाली राखियां भी बाजार में उपलब्ध हैं। इनकी कीमत 50 से लेकर 300 रुपये तक की है। इसमें म्यूजिक राखी, रबड़ का मोटू-पतलू, छोटा भीम, छुटकी, लिटिल सिंघम, बेनटेन आदि कार्टून कैरेक्टर राखी बाजार में बेची जा रही हैं। बच्चों के लिए इस राखी को पसंद किया जा रहा है।
मोती, चंदन और स्टोन वाली राखी की मांग
राखी के थोक विक्रेताओं ने बताया कि बहनें अपने भाइयों की कलाई पर बांधने के लिए मोती, चंदन और स्टोन वाली राखियां पसंद कर रही हैं जिससे भाइयों की कलाई सुंदर दिखे। इन राखियों को बरेली में ही तैयार किया जाता है। थोड़ी महंगी होने के बावजूद ये राखियां अन्य राखियों की अपेक्षा ज्यादा बिक रही हैं। इन राखियों की कीमत 60 रुपये से शुरू हो रही है। दुकानों पर भाई और वीरा लिखी हुई राखियां भी खूब बिक रही हैं।
ऑनलाइन साइटों पर हो रही बिक्री
बहनें अपने भाइयों के लिए ऑनलाइन राखी खरीदकर नौकरीपेशा भाइयों के पास उनके घर पर सीधे डिलीवर कर रही हैं। इससे पोस्ट ऑफिस तक बहनों को जाने की जरूरत नहीं पड़ रही है। तय समय पर भाइयों तक राखियां भी पहुंच रही हैं।
रौनक देखकर लगता है अच्छा होगा व्यापार
पिछले साल कोरोना संक्रमण के कारण व्यापार प्रभावित रहा। इस साल बाजार की रौनक देखकर लगता है कि व्यापार अच्छा होगा। -पवन, थोक विक्रेता
गुजरात और मुंबई से कच्चा माल मंगाकर बरेली में ही राखियों को तैयार किया जाता है। तैयार माल को हम शहर के साथ-साथ अन्य शहरों में भी भेजते हैं। -राजेंद्र देवल, थोक विक्रेता
पिछली साल से बाजार में चाइनीज राखियों को नहीं बेचा जा रहा है। इस साल ज्यादातर बहनें स्टोन की राखियों का पसंद कर रही हैं। -राजीव थोक विक्रेता
दुकान पर राखियों की कम बिक्री हो रही है। अभी तीन दिन बचे हैं। उम्मीद है कि बिक्री सही से होगी। -शोभित बाबा, दुकानदार
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