यूपी: मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना से 1,27,553 बेटियों के हाथ हुए पीले

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लखनऊ। जरूरतमंद गरीब परिवार की बेटियों के जीवन में आशा की किरण बनकर उभरी मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना से अब तक लाखों बेटियों के हाथ योगी सरकार की मदद से पीले हो चुके हैं। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि योगी सरकार ने जब से उत्तर प्रदेश में सत्ता की बागड़ोर संभाली तब से …

लखनऊ। जरूरतमंद गरीब परिवार की बेटियों के जीवन में आशा की किरण बनकर उभरी मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना से अब तक लाखों बेटियों के हाथ योगी सरकार की मदद से पीले हो चुके हैं। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि योगी सरकार ने जब से उत्तर प्रदेश में सत्ता की बागड़ोर संभाली तब से निरंतर महिलाओं और बेटियों के उत्थान पर काम कर रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश की महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा, सेहत, शिक्षा और उनको आत्मनिर्भर यूपी की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार ने स्वर्णिम योजनाओं की शुरूआत कर उनके कदमों को विकास पथ पर बढ़ाने का कार्य किया है। राज्य सरकार महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और सशक्तिकरण के लिए संकल्पित है। जिसके तहत योजनाओं के सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं।

प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के जरिए अब तक यूपी की 1,27,553 बेटियों का विवाह संपन्न किया जा चुका है। प्रदेश सरकार ने सभी वर्गों की पात्र बेटियों की शादी के लिए इस विशेष योजना की शुरूआत साल 2017-18 में की। जिसके तहत 51,000 रुपए की राशि प्रति जोड़े को दी जाती है। जिसमें लड़की के खाते में 35,000 रुपए, विवाह के लिए 10,000 और प्रति जोड़ा आयोजन के लिए 6,000 रुपए दिए जाते हैं।

हर वर्ग को मिली मदद, खिले बेटियों के चेहरे

प्रदेश में योजना की शुरूआत से लेकर अब 1,27,553 बेटियों के जीवन में खुशी के रंग सरकार ने भरे हैं। इस योजना के जरिए समाज के हर वर्ग के जरूरततंद पात्र लोगों को मदद मिली है। इस योजना के तहत 66091 अनुसूचित जाति, 41393 अन्य पिछड़ा वर्ग, 14625 अल्पसंख्यक वर्ग और 5444 सामान्य वर्ग को अब तक सहायता दी जा चुकी है।

जिला पंचयात स्तर पर भी कर सकते हैं पंजीकरण

नगरीय निकाय जैसे नगर पंचायत, नगर पालिका परिषद, नगर निगम के साथ ही क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत स्तर पर भी विवाह के लिए पंजीकरण की व्यवस्था योगी सरकार द्वारा की गई है। इतना ही नहीं लोगों की उनकी सामाजिक व धार्मिक मान्यता और परम्परा, रीति-रिवाजों के अनुसार विवाह करने की व्यवस्था भी इस योजना के तहत की जाती है।

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