इस राज्य में सरकारी कार्यक्रमों में अब नहीं दिए जाएंगे फूलमाला, शॉल, सीएम बोले- फिजूलखर्ची, लगाई पाबंदी
बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सरकारी कार्यक्रमों में फूलमाला, शॉल, गुलदस्ता और स्मृति चिन्ह देने की रस्म को ”फिजूलखर्च” बताते हुए मंगलवार को इस पर पाबंदी लगा दी। सरकार ने एक परिपत्र में कहा है कि इनके बजाय कन्नड़ पुस्तकें प्रदान की जा सकती हैं। मुख्य सचिव पी रवि कुमार ने मुख्यमंत्री के …
बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सरकारी कार्यक्रमों में फूलमाला, शॉल, गुलदस्ता और स्मृति चिन्ह देने की रस्म को ”फिजूलखर्च” बताते हुए मंगलवार को इस पर पाबंदी लगा दी। सरकार ने एक परिपत्र में कहा है कि इनके बजाय कन्नड़ पुस्तकें प्रदान की जा सकती हैं। मुख्य सचिव पी रवि कुमार ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर इस संबंध में परिपत्र जारी किया है।
इससे पहले वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करने वाले मुख्यमंत्री ने गुलदस्ता स्वीकार करने से इनकार कर दिया और कहा कि प्रोटोकॉल के नाम पर फूलमाला, शॉल, गुलदस्ता और स्मृति चिन्ह देने की परंपरा निभाने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने इसे फिजूलखर्ची करार दिया।
इसके बाद मुख्य सचिव ने परिपत्र जारी कर राज्य सरकार या सरकार द्वारा संचालित संस्थानों की बैठकों या कार्यक्रमों में इस परंपरा पर रोक लगाने का निर्देश दिया। परिपत्र में सभी सरकारी विभागों और उपक्रमों के प्रमुखों को निर्देशों का पालन करने को कहा गया है।
हाल में शपथ ग्रहण करने वाले ऊर्जा एवं कन्नड़ और संस्कृति मंत्री वी सुनील कुमार ने उन्हें बधाई देने के लिए आने वालों से अपील की थी कि वे माला और उपहार न दें और इसके बजाय कन्नड़ किताबें दी जा सकती हैं, जिन्हें वह अपने करकला निर्वाचन क्षेत्र में एक पुस्तकालय को दान कर देंगे।
