लोकसभा में विपक्ष ने की पेगासस जासूसी मामले पर चर्चा कराने की मांग

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नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष ने पेगासस जासूसी मामले पर चर्चा कराने की मांग की लेकिन इस मांग को अनसुना कर दिया गया। संविधान के 127 वें संशोधन करने वाले विधेयक पर चर्चा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि एक जिम्मेदार राजनीतिक पार्टी होने के नाते हम इस विधेयक पर चर्चा …

नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष ने पेगासस जासूसी मामले पर चर्चा कराने की मांग की लेकिन इस मांग को अनसुना कर दिया गया। संविधान के 127 वें संशोधन करने वाले विधेयक पर चर्चा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि एक जिम्मेदार राजनीतिक पार्टी होने के नाते हम इस विधेयक पर चर्चा में शामिल हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि रोजाना हमारे बारे में कहा जा रहा है कि हम चर्चा नहीं करते हैं। जबकि बात सीधी है। संसद कोई हवामहल नहीं है। हम यहां हवा खाने नहीं आते हैं। सदन में आम लोगों की परेशानियों और समस्याओं को उठाने के लिए आते हैं। रंजन चौधरी ने कहा कि हमने नारेबाजी के बीच में विश्व आदिवासी दिवस पर अरुणाचल प्रदेश के आदिवासियों के अधिकारों का समर्थन किया था और आदिवासियों का अभिनंदन भी किया था।

उन्होंने कहा कि सदन में बहुत से वरिष्ठ सदस्य हैं और सबको समझ है कि सदन चलाने की जिम्मेदारी सरकार की होती है। उन्होंने कहा कि हमने आखिर क्या मांगा है। इजरायल, हंगरी और फ्रांस में पेगासस को लेकर जांच बैठायी गयी है। वहां सरकार तक बदलने की नौबत आ गयी है। हम तो पूरी बात जानते भी नहीं है, इसलिए चर्चा मांग रहे हैं। हमारी छाेटी सी बात पर चर्चा से भाग रहे हैं।

रंजन चौधरी के पेगासस के मुद्दे पर आते ही संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने जोर जोर से आपत्ति व्यक्त की। इसके बाद अध्यक्ष ओम बिरला ने भी रंजन चौधरी से कहा कि वह विधेयक के विषय पर ही बोलें। इसके बाद रंजन चौधरी ने विधेयक के विषय पर बात शुरू की। कुछ वक्ताओं के बाद तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय की बारी आने पर उन्होंने भी कहा कि उनकी पार्टी संविधान के 127 वें संशोधन के विधेयक का समर्थन करती है।

लेकिन उन्हें समझ में नहीं आता है कि सरकार पेगासस के मुद्दे से क्यों भाग रही है। जब आज इस विधेयक पर शांति से बैठकर चर्चा हो सकती है तो पेगासस जासूसी मुद्दे पर भी कल चर्चा करा ली जाये। इस पर पीठासीन सभापति रमादेवी ने बंद्योपाध्याय से कहा कि वह केवल विधेयक के विषय पर ही बोलें।

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