नई आबकारी नीति को चुनौती देते हुए भाजपा नेता ने दाखिल की याचिका, अदालत ने मांगा दिल्ली सरकार से जवाब

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नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शराब घर तक पहुंचाने की अनुमति देने वाली वर्ष 2021 की नयी आबकारी नीति को चुनौती देने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा की याचिका पर आम आदमी पार्टी सरकार से सोमवार को जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति …

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शराब घर तक पहुंचाने की अनुमति देने वाली वर्ष 2021 की नयी आबकारी नीति को चुनौती देने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा की याचिका पर आम आदमी पार्टी सरकार से सोमवार को जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने याचिका पर नोटिस जारी किया और मामले को 20 सितंबर को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

अदालत ने नयी आबकारी नीति को चुनौती देने वाली अन्य याचिकाओं पर सुनवाई भी 27 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी और दिल्ली सरकार को अपने जवाबी हलफनामे पेश करने के लिए वक्त दिया। दिल्ली सरकार ने वकील संतोष त्रिपाठी ने कहा कि जवाबी हलफनामे दाखिल किए जा चुके हैं। गौरतलब है कि नयी आबकारी नीति के खिलाफ अदालत में कई याचिकाएं लंबित हैं। दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत को बताया कि नयी आबकारी नीति से महामारी के दौरान,” दिल्ली ने 10,000 करोड़ रुपये कमाए हैं।”

सिंघवी ने कहा कि इस प्रकार का राजस्व भारत के अन्य राज्यों की तुलना में काफी अधिक है। वर्मा ने अपनी याचिका में दिल्ली आबकारी (संशोधन) नियमावली 2021 की नियम संख्या 66(6) को चुनौती दी है। इसमें कहा गया है कि नयी नीति ऐसे वक्त में पेश की गई जब राष्ट्रीय राजधानी ”कोरोना वायरस संक्रमण की घातक दूसरी लहर का सामना कर रही थी और शहर में दवाइयों और टीकों की घोर कमी थी।” याचिका में कहा गया है कि इस नीति में घर में शराब पहुंचाने के दुष्प्रभावों की भी अनदेखी की गई।

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