लखनऊ: मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भी नहीं बंद हुआ डग्गामार बसों का संचालन
लखनऊ। तू डाल डाल, तो मैं पात पात, इन दिनों यह कहावत डग्गामार बस संचालकों और परिवहन विभाग के अधिकारियों के बीच चरित्रार्थ हो रही है। दर्जनों दुर्घटनाओं और मौतों के बाद भी इनका संचालन बंद नहीं हो पाया। जबकि मुख्यमंत्री ने बाराबंकी में हुए बस हादसे के बाद तत्काल इनके संचालन पर रोक लगाने …
लखनऊ। तू डाल डाल, तो मैं पात पात, इन दिनों यह कहावत डग्गामार बस संचालकों और परिवहन विभाग के अधिकारियों के बीच चरित्रार्थ हो रही है। दर्जनों दुर्घटनाओं और मौतों के बाद भी इनका संचालन बंद नहीं हो पाया। जबकि मुख्यमंत्री ने बाराबंकी में हुए बस हादसे के बाद तत्काल इनके संचालन पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे। डग्गामार बस संचालक रोडवेज के सापेक्ष ही अपनी बसों का संचालन कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो परिवहन, पुलिस और यातायात विभाग के अधिकारी हर माह मोटी रकम लेकर इनका संचालन करा रहे हैं।
यही कारण है कि डग्गमार बसें हरियाणा से दिल्ली और यूपी के रास्ते बिहार तक पहुंच जा रही हैं, लेकिन कोई इन्हें रोकने तक की जहमत नहीं उठा रहा है। सिर्फ राजधानी से ही रोजाना जयपुर, दिल्ली, पटना, गुड़गांव, झारखंड, वाराणसी समेत अन्य स्थानों के लिए रोडवेज के सापेक्ष ही करीब छह सौ बसें चालई जा रही हैं। राजधानी से इन बसों का संचालन चारबाग, तेलीबाग, अवध चौराहा, पालीटेक्निक चौराहा, मटियारी, लाल पुल चौक समेत अन्य स्थानों से होता है। उप परिवहन आयुक्त लखनऊ जोन निर्मल प्रसाद ने बताया कि उन्हें पदभार ग्रहण किए कम ही समय हुआ है। जब से उन्होंने कमान संभाली है।
अभी तक सौ से अधिक बसों का चालान करने के साथ ही कई बसों को सीज किया गया है। वह लगातार ऐसी बसों के संचालन और उनके धरपकड़ अभियान की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। वहीं रविवार सुबह गोंडा में दिल्ली से बिहार जा रही डग्गामार बस के साथ हादसा हो गया। इसमें दो यात्रियों की जान चली गई। वहीं बीते माह बाराबंकी में हुए डग्गामार बस हादसे में भी 18 यात्रियों की जान चली गई थी।
रोडवेज के मुकाबले कम है किराया
डग्गामार बसों का किराया रोडवेज की तुलना में कम है। एक हिसाब से लखनऊ से दिल्ली का वोल्वो बस का रोडवेज का किराया 14 सौ रुपए है तो वहीं डग्गामार बसों का किराया 12 सौ रुपये ही है।
पार्टी परमिट के नाम पर हो रहा है खेल
डग्गामार बसों का पार्टी बुकिंग का परमिट दिया जाता है। यह लोग सिर्फ शादी, मुंडन, बर्थडे या फिर पार्टी की बुकिंग ही कर सकते हैं। हालांकि यह लोग कभी पार्टी बुकिंग न करके हमेशा फुटकर सवारियां उठाते हैं। जो नियमत: गलत है और डग्गामारी का सबसे बड़ा कारण भी यही है।
सड़क पर उतर चुके हैं परिवहन मंत्री
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह भी डग्गामार बसों का संचालन बंद कराने के लिए खुद सड़क पर उतर चुके हैं। फैजाबाद रोड पर अपने कार्याकाल के दौरान उन्होंने तत्काल आरटीओ प्रवर्तन और परिवहन अधिकारियों को बुलाकर कई बसों को सीज कराने के साथ ही कई का चालान भी कराया था।
बस तक निशुल्क पहुंचने की सुविधा
डग्गामार बस कभी मुख्य मार्ग पर खड़ी नहीं होती है। बल्कि इसे कालोनियों या ऐसे इलाके में खड़ा किया जाता है। जहां भीड़भाड़ कम हो। ऑनलाइन बुकिंग के बाद इसके संचालक ऑटो , टेम्पो या ई-रिक्शा से बसों तक पहुंचने की निशुल्क सुविधा भी उपलब्ध कराते हैं।
