भारत दौरे पर पहुंचे 900 साल पुरानी शिव मूर्ति लौटाने वाले पूर्व ऑस्ट्रेलियाई पीएम टोनी एबॉट, जानें उनका मुद्दा

नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने और व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (सीईसीए) पर भारतीय नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए सोमवार से भारत की पांच दिवसीय यात्रा पर हैं। एबॉट भारत के वास्ते ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री के विशेष व्यापार दूत के रूप में भारत का दौरा कर …
नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने और व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (सीईसीए) पर भारतीय नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए सोमवार से भारत की पांच दिवसीय यात्रा पर हैं।
एबॉट भारत के वास्ते ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री के विशेष व्यापार दूत के रूप में भारत का दौरा कर रहे हैं। ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त बैरी ओ फैरेल एओ ने कहा, ”एबॉट दो से छह अगस्त तक भारत में है और द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए भारतीय मंत्रियों, व्यापारियों के साथ बैठक करने के लिए उत्सुक है।”
उन्होंने कहा, ”विशेष रूप से, एबॉट भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते पर चर्चा के लिए उत्सुक हैं, जो भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई लोगों के पारस्परिक लाभ के वास्ते हमारे आर्थिक संबंधों को और मजबूत करेगा।”
उच्चायुक्त ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया भारत के साथ अपने व्यापार और निवेश संबंधों को मजबूत करने और आर्थिक संबंधों को ”अगले स्तर” पर ले जाने का इच्छुक है। उन्होंने कहा, ”द्विपक्षीय व्यापार और निवेश बढ़ने से कोविड-19 महामारी के दौरान आर्थिक सुधार में मदद मिलेगी, और सुरक्षित तथा लचीली आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण होगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि ऑस्ट्रेलिया-भारत द्विपक्षीय संबंध ”ऐतिहासिक मुकाम” पर हैं। उन्होंने कहा, ”2020 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने हमारे संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया। हम अपने आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।”
टोनी एबॉट 2013 से 2015 तक ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री थे। बता दें 2014 में टोनी एबॉट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान 900 साल पुरानी शिव मूर्ति को लौटा दिया था। कुछ दिन पहले ही ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 14 और कलाकृतियां वापस की है। इन कलाकृतियों में कांसे और पत्थर की मूर्तियां, चित्रित स्क्रॉल तथा तस्वीरें शामिल हैं। सभी 14 कलाकृतियां भारत से चुराई गई थी। जिसे नेशनल गैलरी ऑफ ऑस्ट्रेलिया (एनजीए) ने भारत सरकार को लौटाने का फैसला लिया।।
इस यात्रा से पहले टोनी एबॉट सितंबर 2014 में भारत आए थे। जब देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनी थी। मोदी सरकार के कार्यकाल में यह किसी भी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष की पहली राजकीय यात्रा थी। दोनों देशों के बीच असैन्य नाभिकीय उर्जा सहयोग समझौता हुआ जिसके तहत ऑस्ट्रेलिया भारत को यूरेनियम निर्यात करेगा।