अमित शाह का ‘मिशन कश्मीर’: महानवमी पर मां वैष्णो देवी के दर्शन, राजौरी से विरोधियों पर निशाना

अमित शाह का ‘मिशन कश्मीर’: महानवमी पर मां वैष्णो देवी के दर्शन, राजौरी से विरोधियों पर निशाना

जम्मू। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महानवमी के अवसर पर मंगलवार को जम्मू एवं कश्मीर के रियासी जिले में त्रिकूटा पर्वत पर स्थित मशहूर माता वैष्णो देवी मंदिर में पूजा-अर्चना की। शाह के साथ उपराज्यपाल मनोज सिन्हा तथा केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह भी थे। वे नौ दिन चलने वाले नवरात्रि उत्सव के आखिरी दिन …

जम्मू। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महानवमी के अवसर पर मंगलवार को जम्मू एवं कश्मीर के रियासी जिले में त्रिकूटा पर्वत पर स्थित मशहूर माता वैष्णो देवी मंदिर में पूजा-अर्चना की। शाह के साथ उपराज्यपाल मनोज सिन्हा तथा केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह भी थे। वे नौ दिन चलने वाले नवरात्रि उत्सव के आखिरी दिन माता के दर्शन के लिए हेलीकॉप्टर से सांझी छत पहुंचे। मंदिर जाने से पहले शाह ने ट्वीट कर महानवमी के अवसर पर देशवासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा, सभी को महानवमी की शुभकामनाएं। मां भगवती सभी पर अपनी कृपया और आशीर्वाद बनाए रखें। जय माता दी। अधिकारियों ने बताया कि गृह मंत्री के दौरे के मद्देनजर मंदिर में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए। जम्मू और राजौरी में मोबाइल इंटरनेट सेवा अस्थायी तौर पर बंद की गई।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राजौरी में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय का शिलान्यास किया। यहां जनसभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आज की ये रैली, मोदी..मोदी के नारे उन लोगों के लिए जवाब है, जो कहते थे कि अनुच्छेद 370 हटेगा तो आग लग जाएगी और खून की नदियां बह जाएंगी। अमित शाह ने कहा कि 70 वर्ष तक जम्मू-कश्मीर पर तीन परिवारों ने राज किया, लोकतंत्र सिर्फ अपने परिवारों में बना दिया था। जम्मू-कश्मीर में तीन परिवारों ने भ्रष्टाचार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। आज PM मोदी पूरे जम्मू-कश्मीर के 27 लाख परिवारों को पांच लाख तक का स्वास्थ्य का पूरा खर्च उठा रहे हैं, 70 वर्ष में इन तीन परिवारों ने दिया क्या?

अमित शाह ने कहा कि आप सभी को कभी भी ग्राम पंचायत, तहसील पंचायत, जिला पंचायत का अधिकार मिला था क्या? तीन परिवारों ने लोकतंत्र का, जम्हूरियत का मतलब सिर्फ पीढ़ियों तक शाासन करना निकाल दिया था। देश में सरकार बदली, 2014 से नरेन्द्र मोदी जी प्रधानमंत्री बनें, तब मोदी जी ने सबसे पहले जम्मू-कश्मीर में पंचायत के चुनाव कराए। पहले जो सिर्फ तीन परिवार के पास था, आज 30 हजार के पास जम्मू-कश्मीर का शासन आया है।

आजादी से लेकर 2019 तक पूरे जम्मू-कश्मीर में 15 हजार करोड़ रुपये का औद्योगिक निवेश आया था। 2019 से अब तक इन तीन वर्ष में 56 हजार करोड़ रुपये का औद्योगिक निवेश पूरे जम्मू-कश्मीर में आया है। पहले आए दिन जम्मू-कश्मीर से पथराव के समाचार आते थे। आज पथराव के समाचार नहीं आते हैं। PM मोदी ने जम्मू-कश्मीर के युवाओं को सशक्त करने का काम किया है।

अमित शाह ने कहा कि PM मोदी ने 5 अगस्त 2019 को एक महत्वपूर्ण फैसला दिया, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35A को उखाड़ कर फेक दिया। अगर अनुच्छेद 370 और 35A नहीं हटता तो जम्मू-कश्मीर में ट्राइबल रिजर्वेशन नहीं मिलता। अनुच्छेद 370 और 35A हटने से यहां पिछड़ों को, दलितों को, आदिवासियों को और पहाड़ियों को अपना अधिकार मिलने वाला है।

उन्होंने बताया कि श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (एसएमवीडीएसबी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंशुल गर्ग समेत वरिष्ठ अधिकारियों और प्रतिष्ठित लोगों तथा धार्मिक नेताओं ने शाह का स्वागत किया। गृह मंत्री का मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद एक जनसभा को संबोधित करने के लिए राजौरी जिले में जाने का कार्यक्रम है। अमित शाह के केंद्र शासित प्रदेश के अपने तीन दिवसीय दौरे के दौरान जम्मू-कश्मीर में पहाड़ी समुदाय के लिए अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की घोषणा करने की उम्मीद है। पहाड़ी लोगों को एसटी का दर्जा देने की संभावना ने नेशनल कांफ्रेंस पार्टी के भीतर राजनीतिक विवाद और मतभेद पैदा कर दिया है।

यही नहीं, गुर्जर जनजाति के सदस्यों ने सोमवार को शोपियां में विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान उन्होंने केंद्र से अनुसूचित जनजाति समुदाय की स्थिति के साथ खिलवाड़ नहीं करने को कहा। पहाड़ियों को एसटी का दर्जा देना भाजपा द्वारा जम्मू-कश्मीर में अधिकतम सीटें जीतने के लिए एक बड़े राजनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है।

पहाड़ियों को एसटी का दर्जा देने की संभावना ने विवाद खड़ा कर दिया है। इस संभावना ने जम्मू और कश्मीर में गुर्जरों, बकरवाल आदिवासियों और पहाड़ियों के बीच विभाजन को पैदा किया। गुर्जर और बकरवाल को पहले से ही एसटी का दर्जा प्राप्त है। अब इन आदिवासियों द्वारा पहाड़ियों को एसटी के रूप में मान्यता देने के मुद्दे पर नाराजगी जताई जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया है कि बीजेपी आरक्षण कार्ड का इस्तेमाल कर समुदायों के बीच दरार पैदा कर रही है। एक वीडियो संदेश में मुफ्ती ने समुदायों से एकजुट रहने और एक-दूसरे के खिलाफ नहीं लड़ने की अपील की।

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