पुराने पड़ चुके चाय, कॉफी, मसला, कानूनों को निरस्त करने का उद्देश्य छोटे किसानों की मदद करना : पीयूष गोयल

पुराने पड़ चुके चाय, कॉफी, मसला, कानूनों को निरस्त करने का उद्देश्य छोटे किसानों की मदद करना : पीयूष गोयल

नई दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि चाय, कॉफी, मसाला और रबड़ से जुड़े पुराने कानूनों को निरस्त करने तथा नये विधेयक लाने का मकसद कारोबार सुगमता को बढ़ाना तथा छोटे किसानों की मदद करना है। वाणिज्य मंत्रालय ने मसाला (संवर्धन और विकास) विधेयक, 2022, रबड़ (संवर्धन और विकास) विधेयक, …

नई दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि चाय, कॉफी, मसाला और रबड़ से जुड़े पुराने कानूनों को निरस्त करने तथा नये विधेयक लाने का मकसद कारोबार सुगमता को बढ़ाना तथा छोटे किसानों की मदद करना है। वाणिज्य मंत्रालय ने मसाला (संवर्धन और विकास) विधेयक, 2022, रबड़ (संवर्धन और विकास) विधेयक, 2022, कॉफी (संवर्धन और विकास) विधेयक, 2022 और चाय (संवर्धन और विकास) विधेयक, 2022 पर संबंधित पक्षों के साथ विचार-विमर्श किया है।

इसका उद्देश्य नये विधेयकों को लेकर उनकी चिंताओं को दूर करना था। वाणिज्य विभाग ने कहा कि वह चाय अधिनियम 1953, मसाला बोर्ड अधिनियम 1986, रबड़ अधिनियम 1947 और कॉफी अधिनियम 1942 को निरस्त करने का प्रस्ताव कर रहा है। नये कानून लाने के उद्देश्य के बारे में पूछे जाने पर गोयल ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ये बहुत पुराने कानून हैं। नये कानून बनाने के पीछे सोच उन्हें सरल और कारोबार के लिहाज से सुगम बनाना है।

साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि कॉफी और चाय क्षेत्र से जुड़े लोगों को अधिक अनुपालन बोझ का सामना न करना पड़े।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारा विभिन्न पक्षों के साथ विचार-विमर्श अच्छा रहा है और हम उन्हें इसको लेकर संतुष्ट करने में सफल रहे हैं।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या इन विधेयकों को संसद के मानसून सत्र में पेश किया जा सकता है, गोयल ने कहा कि इस बारे में अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। नए कानून के मसौदों को वाणिज्य मंत्रालय की वेबसाइट पर डाला गया है। मंत्रालय का कहना है कि नए कानून मौजूदा वास्तविकताओं और उद्देश्यों को प्रतिबिंबित करेंगे।

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