चोट से उबरने के बाद मुक्केबाज रोहित टोकस की नजर राष्ट्रमंडल खेलों में शानदार प्रदर्शन पर

चोट से उबरने के बाद मुक्केबाज रोहित टोकस की नजर राष्ट्रमंडल खेलों में शानदार प्रदर्शन पर

नई दिल्ली। मुक्केबाज रोहित टोकस से चोटों के कारण विश्व चैम्पियनशिप और टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेने का मौका छीन गया था लेकिन अब वह राष्ट्रमंडल खेलों में पदार्पण में शानदार प्रदर्शन करना चाहेंगे। रोहित को 2018 और 2019 में लगातार चोटों का सामना करना पड़ा। उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘‘मुझे 2018 में ‘लिगामेंट’ चोट …

नई दिल्ली। मुक्केबाज रोहित टोकस से चोटों के कारण विश्व चैम्पियनशिप और टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेने का मौका छीन गया था लेकिन अब वह राष्ट्रमंडल खेलों में पदार्पण में शानदार प्रदर्शन करना चाहेंगे। रोहित को 2018 और 2019 में लगातार चोटों का सामना करना पड़ा। उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘‘मुझे 2018 में ‘लिगामेंट’ चोट लग गयी थी जिसके कारण मैं विश्व चैम्पियनशिप से बाहर हो गया था।’’

वह राष्ट्रमंडल खेलों की पुरूषों की 67 किग्रा स्पर्धा में हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘2019 में मेरे ‘लिगामेंट’ में फिर चोट लग गयी। मेरे दोनों घुटनों में ‘लिगामेंट’ चोट थी। एक में चाोट इंडिया ओपन के दौरान और दूसरे में राष्ट्रीय प्रतियोगिता के दौरान लगी।’’ अपने वजन वर्ग में सभी शीर्ष भारतीय मुक्केबाजों को हराने के बाद रोहित ओलंपिक क्वालीफायर में हिस्सा लेने के लिये तैयार थे लेकिन उनकी चोट इतनी गंभीर थी कि वह अपने घुटने की स्थिति खराब होने का जोखिम नहीं ले सकते थे।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा लक्ष्य ओलंपिक था और मैंने यहां सभी शीर्ष मुक्केबाजों को हरा दिया था। क्वालीफायर में मुझे अच्छा करने का भरोसा था लेकिन तब मैं चोटिल हो गया। यह बहुत निराशाजनक था। ’’ रोहित ने कहा, ‘‘मेरी चोट इतनी गंभीर थी कि डाक्टरों ने मुझे कहा कि अगर तुम खेलोगे तो तुम्हारा पूरा घुटना खराब हो जायेगा। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगा कि मुझे पहले खेलने के लिये शारीरिक रूप से फिट होना होगा। अगर मैंने जोखिम लिया हाोता तो शायद मैं फिर मुक्केबाजी नहीं कर पाता।’’

उन्होंने अपने घुटने की सर्जरी करायी और महामारी (कोविड-19) शुरू हो गयी जिससे उन्हें उबरने का समय मिल गया। कुछ ही महीनों बाद उनकी शादी हो गयी। पर रिंग में वापसी की कोशिश में रोहत ने बाहर निकलकर दौड़ना शुरू किया और इस वायरस की चपेट में आ गये। उन्होंने कहा, ‘‘पहले लॉकडाउन के बाद मैं कोविड-19 पॉजिटिव था। मैंने सोचा कि यह सामान्य बुखार है और इसे गंभीरता से नहीं लिया। पर सिरदर्द 10-15 दिन रहा। पर मुझे कमजोरी महसूस नहीं हुई। ’’ रोहित इसके बाद पूरी तरह से उबर गये।

2018 में 64 किग्रा के राष्ट्रीय चैम्पियन ने ओलंपिक से पहले 75 किग्रा में खेलने का फैसला किया था लेकिन राष्ट्रमंडल के लिये वह फिर से नीचे 67 किग्रा वर्ग में खेलेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘2019 तक मैं 64 किग्रा में खेलता था लेकिन चोट के बाद 75 किग्रा खेलने लगा क्योंकि मुझे लगा कि इस वजन वर्ग में मेरे लिये बेहतर मौका था।

लेकिन मैं चार-पांच किग्रा कम रहता था। ’’ रोहित ने कहा, ‘‘फिर राष्ट्रमंडल खेलों के लिये मैंने 67 किग्रा में हिस्सा लेने का फैसला किया और यह मेरे लिये कारगर हो रहा है। मैं इस वर्ग में सहज हूं। ’’ वह मानते हैं कि उन्हें नये वजन वर्ग में अंतरराष्ट्रीय स्तर का अनुभव कम है लेकिन फिर भी उन्हें राष्ट्रमंडल खेलों में अच्छा करने का भरोसा है।

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