शाहजहांपुर: आयुष अस्पताल दुर्दशा का शिकार, 62 में से 19 में चिकित्सक ही नहीं...कैसे हो मरीजों का इलाज?

शाहजहांपुर: आयुष अस्पताल दुर्दशा का शिकार, 62 में से 19 में चिकित्सक ही नहीं...कैसे हो मरीजों का इलाज?

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शाहजहांपुर, अमृत विचार: जिले के आयुष अस्पताल दुर्दशा का शिकार हैं। 62 में से 19 अस्पतालों में चिकित्सक ही नहीं हैं। जबकि 30 अस्पतालों के पास अपने भवन नहीं वह पीएचसी में चल रहे हैं। ऐसे में आयुष अस्पतालों के जरिये लोगों की सेहत सुधारने का सरकार का प्रयास खटाई में पड़ता दिखाई दे रहा है। सवाल उठ रहा है कि बीमार और लचर व्यवस्था से स्वास्थ्य में सुधार कैसे होगा। बिना चिकित्सक जनता की सेहत कैसे सुधरेगी। 

 जब 19 आयुर्वेदिक व यूनानी अस्पतालों में चिकित्सक ही नहीं हैं तो इलाज कौन करेगा। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में 56 आयुर्वेदिक व छह यूनानी अस्पताल खोले गए हैं। इन अस्पतालों पर योग व्यायाम के साथ देसी जड़ी बूटी से बनी दवाओं को वितरित कर समाज को स्वस्थ बनाया जा रहा है, लेकिन कुछ वर्षों से अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी बनी हुई है। 

चिकित्सक न होने से रोगियों को उचित उपचार नहीं मिल पा रहा है। भरगवां, धन्योरा, सरसवां, पड़रा सिकंदरपुर, चांदापुर, बरेंडा, विरसिंहपुर, देवकली बंडा, बेला खुटार, कुआडांडा खंजन, विक्रमपुर आदि 19 अस्पतालों में चिकित्साधिकारी की नियुक्ति नहीं की गई। वैकल्पिक व्यवस्था के तहत यह अस्पताल संचालित है। इससे स्वास्थ्य सेवा पर प्रभाव पड़ रहा है।

आयुष चिकित्सा पर जोर दे रही सरकार
आयुष चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। अस्पतालों में दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ चिकित्सक व योग प्रशिक्षक की भी तैनाती की जा रही है। इसी रणनीति के तहत अस्पतालों को आयुष हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित किया गया है। अभी भी तमाम अस्पताल नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चल रहे हैं। कागजों में सेंटर में ग्रामीण आबादी को औषधीय पौधों से ही इलाज के तरीके बताए जा रहे हैं, लेकिन जब चिकित्सक नहीं हैं तो स्वस्थ्य रहने के तरीके कौन बता रहा है। यह सवाल बना हुआ है।  

भविष्य में होगा सुधार
अधिकारियों का कहना है कि भविष्य में आयुष अस्पतालों में काफी सुधार हो जाएगा। यहां प्रशिक्षित चिकित्सकों की तैनाती हो जाएगी व अन्य स्टाफ भी बढ़ाया जाएगा। इससे जनता की सेहत में काफी सुधार होगा। आगे चलकर पीएचसी में चलने वाले आयुष अस्पतालों को अपने भवनों में भी शिफ्ट किया जा सकता है। इसके साथ ही कुछ नए भवनों का भी निर्माण किया जा सकता है। 

कुछ अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी है। वैकल्पिक व्यवस्था के तहत स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही हैं। वेलनेस सेंटरों पर लैब टेक्नीशियन व प्रशिक्षक की नियुक्ति प्रस्तावित है। चुनाव बाद समस्या दूर हो जाएगी---डा. सिराज अहमद अंसारी, क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी।

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