Lok Sabha Election 2024: अखिलेश यादव या सुब्रत पाठक...कौन बनेगा कन्नौज का सांसद? समझिए समीकरण

Lok Sabha Election 2024: अखिलेश यादव या सुब्रत पाठक...कौन बनेगा कन्नौज का सांसद? समझिए समीकरण

कन्नौज, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश की जिन 13 सीटों पर लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में 13 मई को वोट डाले जाएंगे। उनमें, सबसे चर्चित सीट कन्नौज है। इत्र नगरी के तौर पर मशहूर कन्नौज से समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मैदान में हैं। अखिलेश यादव की जीत के लिए पार्टी ने प्रदेश के हर जिले के सपा नेताओं को प्रचार में लगा रखा है। 

चुनाव कैंपेन बेहद दिलचस्प है। पंचायत चुनाव की तरह नेता, घर-घर, गली-गली वोट मांग रहे हैं। उधर, बीजेपी ने भी इस सीट पर मौजूदा सांसद सुब्रत पाठक की जीत बरकरार रखने के लिए ठोस रणनीति बना रखी है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पिछले चुनाव में यादव और दलित वोटों के भारी समर्थन से कन्नौज में कमल खिला था। इसीलिए बीजेपी ने पार्टी के प्रभावशाली यादव नेताओं को कन्नौज के मैदान में डटा रखा है। 

बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री व सपा मुखिया अखिलेश यादव कन्नौज से तीन बार सांसद रहे हैं। वर्ष 2000 में उन्होंने यहां से पहला चुनाव जीता था और लगातार 2009 तक संसद में कन्नौज का प्रतिनिधित्व किया। वहीं साल 2014 के चुनाव में उनकी पत्नी डिंपल यादव कन्नौज से चुनकर संसद पहुंची थीं। लेकिन 2019 के चुनाव में बीजेपी के सुब्रत पाठक ने उन्हें करीब 13 हजार 353 वोटों से हरा दिया था। अब एक बार फिर अखिलेश यादव कन्नौज की खोई सीट वापस हासिल करने के लिए मैदान में हैं। 

वहीं अगर कन्नौज सीट पर सपा की जीत की बात करें तो साल 1998 में प्रदीप यादव ने इसकी शुरुआती की थी। फिर 1999 में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव यहां से जीतकर संसद पहुंचे थे। वहीं साल 2000 में अखिलेश यादव ने यहां बीएसपी के कद्दावर नेता रहे अकबर अहमद डिम्पी को हराया था। तब से कन्नौज लोकसभा सीट, मुलायम परिवार के दबदबे वाली मानी जाती रही है। 

कन्नौज चुनाव का मुकाबला काफी दिलचस्प है। बीएसपी ने यहां से व्यापारी इमरान बिन जाफर को टिकट दिया है। 2019 में इमरान आम आदमी पार्टी से चुनाव लड़े थे, तब उन्हें महज 4,826 वोट ही मिले थे। लेकिन इस बार बीएसपी यहां पूरी ताकत के साथ प्रचार में जुटी है।  

कन्नौज संसदीय सीट 

कन्नौज लोकसभा सीट में तीन जिलों की पांच विधानसभाएं शामिल हैं। इसमें कन्नौज की तीन कन्नौज, तिरवा और छिबरामऊ। कानपुर देहात की विधानसभा रसूलाबाद और औरैया जिले की बिधुना सीट शामिल है। कन्नौज में करीब 18.74 लाख वोटर हैं। इसमें 3 लाख से अधिक मुस्लिम वोटर हैं। यादव 2 लाख 50 हजार और दलित 2 लाख 80 हजार हैं। 

साल 2019 के चुनाव में 5 लाख 63 हजार वोट पाकर सुब्रत पाठक सांसद बने थे। डिंपल यादव को 5 लाख 50 हजार वोटों के साथ हार का सामना करना पड़ा था। इस बार कन्नौज ही नहीं यूपी की निगाहें इस सीट हैं। सवाल वही है कन्नौज का सांसद... बनेगा कौन? सुब्रत पाठक या फिर अखिलेश यादव।

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