सीतापुर: दो माह से नलकूप खराब, किसानों की सूख रही फसलें

सीतापुर: दो माह से नलकूप खराब, किसानों की सूख रही फसलें

सीतापुर, अमृत विचार। विकासखंड पहला इलाके में गर्मी में सिंचाई के लिए किसान नलकूपों पर निगाह लगाए हैं, लेकिन हाल ये है कि क्षेत्र में लगे नलकूप संख्या 51 जो विश्व बैंक नलकूप योजना द्वारा वर्ष 1988-89 में बनवाया गया था। करीब दो माह से बंद पड़ा है। जिससे किसानों की फसलें सूख रही है।

जानकारी के अनुसार, ब्लॉक क्षेत्र अंतर्गत ग्राम भेथरा माधव में वर्ष 1988-89में विश्व बैंक नलकूप योजना द्वारा नलकूप संख्या 51 का निर्माण करवाया गया था जो ट्रांसफार्मर फुंका होने के कारण करीब दो माह से बंद पड़ा है। जिससे किसानों की फसलें सूख रही हैं और किसानों को 300 रुपये प्रति बीघा तक अतिरिक्त खर्च देकर मक्का गन्ना पिपरमेंट की सिंचाई करनी पड़ रही है। 

इन दिनों मक्के व गन्ने की फसल को पानी की जरूरत है, लेकिन अधिकतर नलकूप खराब होने से हजारों बीघा फसल प्रभावित हो रही है। फसल बचाने के लिए किसान निजी पंपिंग सेट से सिंचाई करने पर मजबूर हैं। एक बीघा फसल की सिंचाई में 250 से 300 रुपये खर्च होते हैं। ऐसे में फसल की लागत बढ़ जाती है। किसानों ने बताया कि नलकूप बंद होने की सूचना विभाग को दी गई। 

कुछ विभागीय कर्मचारी गांव आए और नलकूप ठीक करने की बात कहकर चले गए। एक किसान ने बताया कि खेत की बोरिंग खराब हो गई थी। पास में कोई भी सिंचाई का साधन नहीं है। सिंचाई के अभाव में उड़द की फसल खराब हो गई। नलकूप सही होता तो नुकसान नहीं होता। इस संबंध में नलकूप विभाग के अधिकारी अभय पटेल से फोन पर जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि नलकूप के खराब होने के संबंध में शिकायत नहीं मिली है, यदि कहीं नलकूप खराब हैं तो मरम्मत कराई जाएगी।

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