मुरादाबाद : दो महीने में 103 अग्निकांड, 23 किसानों की 150 बीघा गेहूं की फसल जलकर हुई राख

नुकसान...खेत-खलिहानों में शॉर्ट-सर्किट से आग लगने की घटनाएं अधिक, दो महीने में जिले में करीब 150 बीघा गेहूं की फसल आग की भेंट चढ़ गई

मुरादाबाद : दो महीने में 103 अग्निकांड, 23 किसानों की 150 बीघा गेहूं की फसल जलकर हुई राख

मुरादाबाद, अमृत विचार। इन दिनों तेज धूप है और सुबह से ही लू के थपेड़े शुरू हो जा रहे हैं। ऐसे में खेतों में आग लगने की घटनाएं बढ़ी हैं। खेतों में गेहूं व अन्य फसलों की कटाई का काम भी जोरों पर है। गेहूं की फसल में आग लगने की भी घटनाएं हाे रही हैं। इससे किसानों की उम्मीदें राख हो जा रही हैं। इसलिए किसानों को फसल की कटाई-मड़ाई के दौरान काफी सतर्क रहना होगा।

फसल के आसपास मौजूद कोई भी व्यक्ति बीड़ी-सिगरेट का सेवन न करे। खेत से होकर निकले बिजली के तारों में स्पॉर्किंग से भी आग की घटनाएं सामने आ रही हैं। इन दिनों आमजन को आग की घटना के संबंध में सतर्क रहने की जरूरत है। मार्च-अप्रैल के आंकड़ों पर गौर करें तो जिले में कुल 103 अग्निकांड हो गए हैं। इसमें 23 से भी अधिक किसानों की कुल 150 बीघे गेहूं की फसल राख हो गई। इसमें किसानों को बड़ी आर्थिक क्षति पहुंची है। कहीं खेत से होकर गुजरी हाईटेंशन बिजली लाइन में स्पॉर्किंग से फसल में आग लगने की बात सामने आई तो कहीं मजदूरों द्वारा बीड़ी-सिगरेट पीने से आग लगने का कारण बताया गया है।

पेड़ के ठूंठ जला रहे थे, 10 बीघा का भूसा  हुआ राख 
भोजपुर थाना क्षेत्र के बहेड़ी ब्रम्हनान गांव के शिव अवतार शर्मा के खेत में भूसे में आग लग गई। आग फैलते देख इनके चाचा कुलदीप ने अग्निशमन केंद्र के कंट्रोल में फोन कर मदद मांगी। लेकिन, मदद पहुंचने से पहले एकजुट किसानों ने आग पर काबू पा लिया था। लेकिन, फिर भी करीब 10 बीघे खेत का भूसा राख हो गया। शिव अवतार ने बताया कि पड़ोसी ने कटे पेड़ के ठूंठ जलाए थे, उसी की चिंगारी से उनका भूसा जल गया। कई किसानों ने हिम्मत दिखाकर आग पर काबू पा लिया, नहीं तो फसलें भी जल जातीं।

बिजली लाइन से दूर बनाएं खलिहान : सीएफओ
मुख्य अग्निशमन अधिकारी (सीएफओ) कृष्ण कांत ओझा का कहना है कि गर्मी में हवाएं शुष्क और तेज हैं। इसलिए बेहतर होगा कि खलिहानों को बिजली के तारों के नीचे न रखें। जब फसल की मड़ाई करें तो वहां पानी की व्यवस्था रखें। खलिहान में आग लग भी जाती है तो उसे झाड़-झंखाड़ से पीटकर या बालू डालकर बुझाएं। तुरंत अग्निशमन सेवा केंद्र पर खबर दें। शॉर्ट-सर्किट से लगने वाली आग के संबंध में बताया, व्यापारिक प्रतिष्ठानों में फाॅयर सेफ्टी ऑडिट जरूरी है। अग्निशमन के उपकरण लगे हों। उन्होंने कहा, शॉर्ट-सर्किट से लगने वाली आग से बचाव के लिए बिजली विभाग से ऑडिट जरूरी है।

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जिन किसानों की फसलें जली हैं वे गल्ला मंडी समिति के कार्यालय से फार्म प्राप्त कर उसे भरकर वहीं जमा कर दें। फिर जांच के बाद लाभार्थी किसानों को योजना से लाभान्वित किया जाएगा।- गुलाब चंद्र, एडीएम-प्रशासन

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