Bareilly News: फर्जी बसपा प्रत्याशी सत्यवीर और सपा प्रत्याशी नीरज मौर्य पर रिपोर्ट दर्ज

Bareilly News: फर्जी बसपा प्रत्याशी सत्यवीर और सपा प्रत्याशी नीरज मौर्य पर रिपोर्ट दर्ज

बरेली, अमृत विचार। आंवला लोकसभा क्षेत्र से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का उम्मीदवार बता कर फर्जी नामांकन करने वाले प्रत्याशी सत्यवीर सिंह और सपा उम्मीदवार नीरज मौर्य के खिलाफ कोतवाली में धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई। पुलिस ने उच्चाधिकारियों के आदेश पर बसपा प्रत्याशी आबिद अली की तहरीर पर कार्रवाई की। पुलिस ने चुनाव अधिकारियों से भी मामले में जानकारी ली।

आंवला लोकसभा से बसपा के प्रत्याशी आबिद अली ने आरोप लगाया कि बसपा ने उन्हें अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर फॉर्म ए और बी जारी किया था। जबकि शाहजहांपुर के जलालाबाद के मोहल्ला अंबेडकर नगर निवासी सत्यवीर सिंह ने खुद को बसपा का प्रत्याशी बताकर नामांकन कराया। जब छानबीन की गई तो पता लगा कि सत्यवीर सिंह ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर फॉर्म ए और बी को सिंबल अथॉरिटी के रूप में अपने नामांकन पत्र के साथ लगाया है। 

उन्होंने बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के फर्जी हस्ताक्षर भी किए। इसकी शिकायत राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती से की गई थी। इसके बाद मायावती ने सिंबल को लेकर जिलाध्यक्ष राजीव कुमार सिंह और निर्वाचन अधिकारियों से बात की। इसके बाद उनका नामांकन सही पाया गया था। उन्होंने इस मामले की लिखित शिकायत रिटर्निंग ऑफिसर से की थी। 

इसके अलावा पता लगा कि जिस गाड़ी संख्या यूपी 27 एआर 8742 से सत्यवीर नामांकन करने आया था, उसके मालिक नरेंद्र ठेकेदार हैं। गाड़ी को अशोक मौर्य चला रहा था। सत्यवीर के नामांकन के संबंधित फर्जी दस्तावेजों की फाइल श्यामलाल ने तैयार कराई थी।

ड्राइवर अशोक मौर्य से इस संबंध में पुलिस ने पूछताछ की तो उसने बताया कि नरेंद्र कुमार सपा प्रत्याशी नीरज मौर्य के करीबी हैं। उन्होंने ही उन्हें श्यामलाल को लेने के लिए भेजा गया था। इस पूरे मामले में सपा प्रत्याशी नीरज मौर्य, सत्यवीर के साथ फर्जी दस्तावेज को तैयार करने, जालसाजी, धोखाधड़ी और षड्यंत्र में शामिल थे।

सपा की साजिश के तहत सत्यवीर ने किया था नामांकन: आबिद अली
आंवला लोकसभा क्षेत्र से बसपा उम्मीदवार आबिद अली ने कहा सत्यवीर के नामांकन करने में सपा प्रत्याशी की साजिश थी। बसपा कार्यकर्ताओं ने एक अधिवक्ता और ड्राइवर को भी पकड़कर कोतवाली पुलिस के हवाले किया था।

प्रशासन को मामला दर्ज करने से पहले जांच करनी चाहिए थी। जांच होती तो सच्चाई पता चल जाती। -नीरज मौर्य, इंडिया गठबंधन प्रत्याशी आंवला

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